गुमला में बना पूर्वोत्तर भारत का पहला सैन्य वृद्धाश्रम, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया उद्घाटन..

झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को गुमला जिला अंतर्गत रायडीह प्रखंड के मांझाटोली में वानप्रस्थ सैन्य आश्रम के शिलापट्ट का अनावरण कर ओल्ड एज होम का उद्घाटन किया। राज्यपाल के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर समारोह की शुरुआत की गई। इसके बाद उन्होंने फीता काटकर सैन्य वृद्धाश्रम के शिलापट्ट का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज परमवीर अल्बर्ट एक्का की पावन धरती पर भूतपूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों एवं शहीद सैनिकों की विधवाओं के आवासन के लिए वानप्रस्थ वृद्धाश्रम की स्थापना की गई है। उन्होंने परमवीर अल्बर्ट एक्का को नमन करते हुए कहा कि परमवीर अल्बर्ट एक्का की वीरता एवं पराक्रम का पूरा विश्व कायल है। यह वंदन की भूमि है अभिनंदन की भूमि है। यह झारखंड राज्य का सौभाग्य है कि इस मिट्टी के बहुत से वीर सपूत आज देश की रक्षा के लिए तत्पर हैं। राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों को उनके जीवन के अंतिम पड़ाव में अच्छी जिंदगी बसर करने की सुविधा उपलब्ध कराना हम सब का परम कर्तव्य है।

राज्यपाल ने कहा “मैं सैनिकों की समस्याओं से भलि-भांति अवगत हूं। गुमला जिले में अधिक संख्या में नौजवान सेना में कार्यरत रहकर देश की सेवा कर रहे हैं। जिसमें जनजातिय समुदाय के जवान अधिक संख्या में फौजी के रूप में देश की सुरक्षा में तैनात हैं। किंतु सैनिकों के सेवानिवृति के बाद सबसे बड़ी विडंबना उनके शेष जीवन के पुनर्वासन का होता है। इसके लिए सामाजिक स्नेह की आवश्यकता है।” उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में इस वृद्धाश्रम की क्षमता बीस लोगों के आवासन की व्यवस्था है। यहां आवासित सेवानिवृत सैनिकों को पौष्टिक आहार, चिकित्सीय लाभ, मनोरंजन के साधन तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए समाचार पत्रों की सुविधा प्रदान की जाएगी। सेवानिवृत सैनिकों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए राज्यपाल ने वृद्धाश्रम को 03 टीवी उपलब्ध कराने की घोषणा की। अंत में उन्होंने कहा कि देश की सेवा सर्वोपरि है, इसलिए हम सभी को सैनिकों का सम्मान करना चाहिए।

मौके पर उपस्थित सांसद सुदर्शन भगत ने कहा कि मांझाटोली की धरती वीरों की धरती है। आज का दिन यहां के लिए एक ऐतिहासिक दिन है कि आज इस वृद्धाश्रम का लोकार्पण राज्यपाल द्वारा किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि वानप्रस्थ सैन्य आश्रम पूरे पूर्वोत्तर भारत में पहला सैन्य वृद्धाश्रम है जिसका उद्घाटन राज्यपाल के कर कमलों से आज किया गया है। सेवानिवृति के पश्चात् सैनिकों को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, उसे ध्यान में रखकर इस वृद्धाश्रम की स्थापना की गई है। इस वृद्धाश्रम के माध्यम से भूतपूर्व सैनिकों को आवासन की सुविधा के साथ-साथ उनकी बेहतर देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी।

समारोह में सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक सेवानिवृत ब्रिगेडियर बी.जी. पाठक ने स्वागत भाषण करते हुए कहा कि मांझाटोली का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि झारखंड की राज्यपाल का यहां आगमन हुआ है। सैनिकों के कल्याण को लेकर उनका दृष्टिकोण मनोबल बढ़ाने वाला तथा उत्साहवर्धक रहा है। दो वर्ष पहले इस सैन्य आश्रम की स्थापना हेतु स्टेट मैनेजिंग कमेटी की बैठक में हमने इस आश्रम का प्रस्ताव राज्यपाल महोदया के समक्ष रखा था। जिसे महोदया द्वारा पारित कर दिया गया। इस आश्रम की स्थापना में जिला एवं प्रखंड प्रशासन का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। कई सुदूरवर्ती गांवों में जाकर वृद्ध सैनिकों की दुर्दशा देखते हुए उनके आवासन के उद्देश्य से इस आश्रम की स्थापना का विचार आया।

समारोह के मंच से राज्यपाल ने वीर नारियों, भूतपूर्व सैनिकों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व जय किसान महाविद्यालय की छात्राओं के द्वारा गीत एवं नृत्य की प्रस्तुतिकरण के साथ राज्यपाल का स्वागत किया गया। मंच संचालन श्वेता सिन्हा एवं धन्यवाद ज्ञापन भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन सह वानप्रस्थ आश्रम के महासचिव अनिरुद्ध सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान सैनिकों के विधवा वीर नारियों द्वारा वानप्रस्थ आश्रम में मिलिट्री कैंटीन की स्थापना संबंधी ज्ञापन दिया गया। साक्षरता कर्मियों ने जिले में फिर से साक्षरता अभियान के संचालन संबंधी ज्ञापन सौंपा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक, कमांडेंट सी.आर.पी.एफ बी.के. मिश्रा, उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ, अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता, सदर अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद, चैनपुर अनुमंडल पदाधिकारी प्रीति किस्कू, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी देवेंद्रनाथ भादुड़ी सहित बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त सैनिक, वीर नारियां व अन्य उपस्थित थे।

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