झारखंड स्थापना दिवस समारोह में नहीं पहुंचे राज्यपाल, भाजपा ने भी बनाई दूरी..

झारखंड में जारी सियासी घमासान का असर राज्य के 22वें स्थापना दिवस समारोह में भी दिखा। राज्यपाल रमेश बैस को इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था लेकिन वे नहीं पहुंचे। झारखंड गठन के 22 साल के इतिहास में पहली बार है जब किसी राज्यपाल ने राजकीय समारोह से दूरी बनाई है। उनकी जगह झामुमो सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन को मुख्य अतिथि बनाया गया। कहा गया कि राज्यपाल अचानक तबीयत खराब होने से समारोह में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि, उनके समारोह में शामिल नहीं हो पाने को राजनीतिक रूप से देखा जा रहा है।

अर्जुन मुंडा और भाजपा नेता भी नहीं पहुंचे..
झारखंड स्थापना दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भी बुलाया गया था। वे भी इस समारोह में शामिल नहीं हुए। समारोह से भाजपा के नेताओं ने भी दूरी बनाए रखी। समारोह में सांसद दीपक प्रकाश, संजय सेठ, आदित्य प्रसाद साहू तथा स्थानीय विधायक सीपी सिंह को भी आमंत्रण भेजा गया था। ये सभी भी समारोह में शामिल नहीं हुए।

राज्यपाल के शामिल नहीं होने के ये मायने..
इधर, राष्ट्रपति के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के कार्यक्रम रद होने के बाद राज्यपाल रमेश बैस के भी नहीं पहुंचने पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालिया, राजनीतिक घटनाक्रम तथा ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन किए जाने को इससे जोड़ा जा रहा है। हाल के दिनों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल तथा भाजपा पर हमलावर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने झारखंड उच्च न्यायालय में राज्यपाल द्वारा चुनाव आयोग से दोबारा मंतव्य मांगे जाने के विरुद्ध एक याचिका भी दायर की है। हालांकि आयोग ने कहा है कि राज्यपाल ने दूसरी बार मंतव्य नहीं मांगा है। मुख्यमंत्री को 17 नवंबर को ईडी में उपस्थित होने का दूसरी बार समन भी किया गया है।

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