वेतनमान को लेकर जनवरी माह में मुख्यमंत्री के साथ वार्ता कराने, वेतनमान लागू करने में आरक्षण रोस्टर की बाधा खत्म करने तथा नियमावली के प्रारूप में कई स्तरों पर संशोधन की सहमति बनने के बाद पारा शिक्षकों ने प्रस्तावित झारखंड पारा शिक्षक सेवा शर्त नियमावली, 2001 पर अपनी स्वीकृति दे दी है। मंगलवार को धुर्वा स्थित शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के कार्यालय कक्ष में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के साथ लगभग चार घंटे तक चली वार्ता के बाद संबंधित नियमावली पर मोर्चा के प्रतिनिधि सहमत हुए। मौके पर इस बात पर भी सहमति बनी कि पारा शिक्षक अब सहायक अध्यापक कहलाएंगे। साथ ही प्रस्तावित नियमावली 20 दिसंबर को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति के लिए लाई जाएगी।
इसके बाद झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से भी मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को राज्य के पारा शिक्षकों के लंबित मांगों पर सकारात्मक विचार किए जाने को लेकर सहृदय धन्यवाद दिया। मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने वहां उपस्थित राज्य के शिक्षा मंत्री श्री जगरनाथ महतो को भी धन्यवाद देते हुए उनका आभार जताया।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा पारा शिक्षकों को 60 वर्ष का सेवा स्थायीकरण, TET पारा शिक्षकों को 50% तथा NON TET पारा शिक्षकों को 40% मानदेय वृद्धि, आकलन परीक्षा पास करने के बाद 10% मानदेय बृद्धि बोनस के रूप में मिलने, प्रतिवर्ष 4% का वेतन बढ़ोतरी, पारा शिक्षकों का नाम अब सहायक अध्यापक किए जाने के निर्णय के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा मानदेय भुगतान हेतु फंड नही दिए जाने पर भी राज्य सरकार के योजना मद से नियमित मानदेय भुगतान किए जाने संबंधी राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत झारखंड राज्य प्रशिक्षत पारा शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने किया है।
मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कई वर्षों से पारा शिक्षकों के मांगों पर विचार नहीं किया जा सका था, परंतु हमारी सरकार ने पारा शिक्षकों के दर्द और समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए मांगों को लेकर एक सकारात्मक रास्ता ढूंढने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमसभी लोग साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे। सभी के साथ न्याय हो, इसी सोच के साथ हमारी सरकार कार्य कर रही है। आप सभी पारा शिक्षक आने वाली पीढ़ी को दिशा देने का काम करने वाले लोग हैं। राज्य के सर्वांगीण विकास में आपकी भूमिका अहम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय सीमित संसाधनों के साथ आपसी समन्वय बनाकर आगे बढ़ने का है। आदरणीय गुरुजी के विचार के साथ चलकर समृद्ध झारखंड का सपना साकार करना है। गुरुजी सदैव पदाधिकारियों से कहते थे कि आपका काम जनता की सेवा करना है न कि शासक बनना। हमारी सरकार 20 वर्षों के टेढ़े-मेढ़े रास्ते को सीधा करने का कार्य कर रही है। एक-एक राज्यवासी हमारे परिवार के अंग हैं। कोई अलग नहीं है, सबको साथ लेकर आगे बढ़ना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सभी प्रकार की नियुक्तियों में 75% स्थानीय लोग शामिल हो यह कानून बना रही है। हमारी सोच है कि झारखंड को अपने पैरों पर खड़ा करें। यहां के लोग सम्मान के साथ जीवन यापन करें इस निमित्त कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। आज आप सभी पारा शिक्षकों के चेहरे पर थोड़ी खुशी देखकर मुझे भी अच्छा लग रहा है। राज्य के पारा शिक्षक अब सहायक अध्यापक कहलाएंगे यह हर्ष का विषय है। विश्वास है कि आगे भी हमसभी लोग अपना सुख-दु:ख को बांटते हुए राज्य को नई दिशा देंगे।
मौके पर विधायक श्री सुदिव्य सोनू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्री सिद्दीक शेख, महासचिव श्री विकास चौधरी, प्रधान सचिव श्री सुमन कुमार, एकीकृत मोर्चा के संयोजक श्री विनोद बिहारी महतो, सदस्य श्री ऋषिकेश पाठक, श्री संजय दुबे, श्री सिंटू सिंह, श्री मोहन मंडल, एवं दशरथ ठाकुर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।