झारखण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पासआउट छात्रों को रोज़गार देने की सरकार की योजना..

मंगलवार को टेक्निकल यूनिवर्सिटी में वीसी प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई। इसमें सदस्यों ने चर्चा के बाद कई अहम निर्णय लिए। साथ ही काउंसिल ने विभिन्न एजेंडों को मंजूरी दी।जिसमें झारखण्ड के तकनीकी संस्थानों से पासआउट स्टूडेंट्स को स्वरोजगार से जोड़ने का खाका तैयार किया गया है | झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इसके तहत छात्रों को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए 30-30 के बैच में प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही एससी-एसटी वर्ग के छात्रों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी, जबकि अन्य वर्ग के छात्रों को शुल्क देना पड़ेगा। हालांकि ,इस पर अभी सहमति नहीं बन पाई है कि कितना शुल्क देना होगा |

इसके अलावा यूनिवर्सिटी में अब शिक्षकों का हर लेक्चर रिकॉर्ड होगा और इसके लिए एक मीडिया सेंटर भी बनाया जाएगा। लेक्चर रिकॉर्ड होने से छात्रों को काफी मदद मिलेगी। जिससे वो रिकॉर्डिंग को कभी भी ,कहीं भी उपयोग कर सकते हैं | आनेवाले दिनों में यूनिवर्सिटी कॉरपोरेट जगत को अपना सुझाव देगा, ताकि रिजल्ट और क्वालिटी में सुधार लाया जा सके। जिसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा कंसलटेंसी सेल की स्थापना की जाएगी। साथ ही इनावयरमेंटल और एनर्जी सेंटर की स्थापना की जाएगी जिसके माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

वहीं इस साल के सेशन में विश्वविद्यालय में पीजी स्तर के पांच नये कोर्स की पढ़ाई शुरू की जाएगी | इसके लिए अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्तियां होगी। हर कोर्स में 20-20 सीटों पर एडमिशन होगा। इसमें 10 सीट पर कॉर्पोरेट जगत के 10 प्रोफेशनल्स का एडमिशन लिया जाएगा। एडमिशन लेने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।

उक्त वर्चुअल मीटिंग में वीसी के अलावा बीआईटी सिंदरी के डायरेक्टर, निफ्ट हटिया के डायरेक्टर आदि शामिल थे। बैठक के दौरान जिन एजेंडों को मंजूरी दी गई उसमें –

1 : पीएचडी, एमटेक, एमबीए कोर्स के संचालन के लिए ऑर्डिनेंस पर लगी मुहर।
2 : निफ्ट हटिया के पीएचडी कोर्स में नामांकित अभ्यर्थियों को भूतलक्षी प्रभाव से शैक्षणिक सत्र 2019 से पंजीयन होगा।
3 : विवि से संबद्ध संस्थानों में नये कोर्स शुरू होने पर संबद्धता शुल्क मद में 25 हजार रुपए जमा करना होगा।
4 : एफिलिएटेड संस्थानों के निरीक्षण के लिए कमेटी बनेगी, इसमें वीसी द्वारा नामित सदस्य, एकेडमिक काउंसिल का एक सदस्य और विवि के रजिस्ट्रार सदस्य शामिल होंगे।
5 : प्लेसमेंट सेल की स्थापना पर सहमति बनी और इसका संचालन संबद्धता प्राप्त संस्थानों के सहयोग से चलेगा।
6 : सिलेबस कमेटी के सदस्य को प्रत्येक बैठक में एक हजार रुपये दिये जायेंगे ।