झारखंड में शराब नीति पर सख्त सरकार: नई योजनाओं और सख्ती से कंपनियों की बढ़ी चिंता….

झारखंड सरकार ने शराब की दुकानों और उनकी व्यवस्थाओं को लेकर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सोमवार को राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने विभागीय अधिकारियों, शराब कंपनियों और प्लेसमेंट एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में शराब की दुकानों की स्थिति, ब्रांडेड शराब की उपलब्धता, और बकाया भुगतान जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान मंत्री ने कंपनियों और एजेंसियों को कड़े निर्देश देते हुए साफ कर दिया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

बकाया भुगतान पर सख्ती

मंत्री ने प्लेसमेंट एजेंसियों को चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो संबंधित एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. इस फैसले से प्लेसमेंट एजेंसियों में हड़कंप मच गया है.

ब्रांडेड शराब की उपलब्धता पर नाराजगी

बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि ग्राहकों को मनचाहे ब्रांड की शराब उपलब्ध नहीं हो रही है. मंत्री को बताया गया कि कुछ एजेंसियां और दुकानदार केवल खास ब्रांड की शराब को प्रमोट कर रहे हैं. इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया कि सभी दुकानों पर हर ब्रांड की शराब उपलब्ध होनी चाहिए. कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सफाई दी कि ग्राहकों द्वारा विशेष ब्रांड की मांग नहीं की जाती, लेकिन मंत्री ने इसे अनदेखी मानते हुए सुधार के निर्देश दिए.

मॉडल दुकानों का निर्माण

मंत्री ने जिला मुख्यालयों में मॉडल शराब दुकानें बनाने के निर्देश दिए. इन दुकानों को साफ-सुथरा और बेहतर डिस्प्ले के साथ संचालित किया जाएगा ताकि संभ्रांत वर्ग के लोग भी वहां आसानी से जा सकें. मंत्री ने कहा कि मौजूदा शराब की दुकानें गोदाम जैसी दिखती हैं, जो ग्राहकों को आकर्षित नहीं करतीं. मॉडल दुकानों से न केवल बिक्री बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा.

अवैध शराब पर कड़ी कार्रवाई

बैठक में अवैध शराब की समस्या पर भी चर्चा हुई. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध शराब की बरामदगी के बाद उसकी जांच कराई जाए. अगर शराब नकली या निम्न गुणवत्ता की पाई गई तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी. इसके अलावा, प्रयोगशालाओं में तकनीशियन की संख्या बढ़ाने और जांच प्रक्रिया को तेज करने की बात भी कही गई.

राजस्व लक्ष्य और नई पहल

मंत्री ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में विभाग ने 1700 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य हासिल किया है, लेकिन अभी 1000 करोड़ रुपये का लक्ष्य शेष है. इसे पूरा करने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं. मंत्री ने झारखंड में शराब निर्माण को बढ़ावा देने की बात कही. उनका मानना है कि राज्य में शराब निर्माण होने से न केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. इसके अलावा, शराब आपूर्तिकर्ताओं का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा ताकि राजस्व में और वृद्धि हो.

महंगे दामों पर राहत की मांग

बैठक में कंपनियों ने कोरोना काल में लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त वैट का मुद्दा उठाया. उनका कहना है कि इस वैट के कारण शराब की कीमतें काफी बढ़ गई हैं, जिससे बिक्री प्रभावित हो रही है. कंपनियों ने इसे हटाने की मांग की.

हाई-लेवल टीम का गठन

शराब की दुकानों में अनियमितता रोकने और ग्राहकों की शिकायतों को सुनने के लिए मुख्यालय स्तर पर एक हाई-लेवल टीम का गठन किया गया है. यह टीम एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने, ब्रांडेड शराब की कमी, नकली शराब की आपूर्ति और अवैध शराब की बिक्री से संबंधित शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेगी.

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