मिड-डे मील योजना के तहत काम करने वाली महिला रसोइयों को झारखंड सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। इनके मानदेय में राज्य सरकार की ओर से 500 रुपए का इजाफा किया गया है। जिसके बाद अब 79 हजार 551 रसोइयों को हर महीने 2 हजार रुपए मिलेंगे। बड़ी बात ये है कि इस बढ़ोतरी का लाभ 1 अप्रैल 2020 से ही मिलेगा।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है। रसोइया सह सहायिकाओं के मानदेय में राज्य सरकार के कोटे से हर महीने 500 रुपए बढ़ाकर उसे 1000 रुपए करने का ये प्रस्ताव था, जिसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुहर लगा दी। जिसके बाद अब इन्हें प्रतिमाह 2 हजार रुपए मानदेय मिल पाएगा। आपको बता दें कि इस योजना में केंद्र ने प्रति रसोइया एक हजार रुपये की ही स्वीकृति दी है। इसमें राज्य सरकार का 400 रुपये (40 प्रतिशत) अंशदान होता है। राज्य सरकार अब तक मानदेय में 500 रुपये अतिरिक्त दे रही थी। अब दो हजार रुपये मानदेय में राज्य सरकार 1400 रुपए और केंद्र सरकार 600 रुपए देगी।
साल में 10 महीने मिलता है मानदेय
केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक रसोइया सह सहायिका को प्रतिमाह एक हजार रुपए मानदेय देने का प्रावधान है। ये मानदेय वर्ष में 10 महीनों के लिए देय होता है। इसमें केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत का अंशदान करती है।
39 करोड़ 79 लाख 55 हजार के फंड को स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने रसोइया सह सहायिका के मानदेय में 500 रुपए की वृद्धि को लेकर दस माह के लिए 39 करोड़ 79 लाख 55 हजार रुपए राशि की भी स्वीकृति दे दी है।