रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी युवाओं के समग्र विकास और सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है और यहां की युवा पीढ़ी को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन से झारखंड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में आज वर्ल्डबीइंग संस्था के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी स्टीव लेवेन्थल ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन के ‘आरोहण’ कार्यक्रम के तहत आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
आरोहण कार्यक्रम से मिल रहा सकारात्मक बदलाव
स्टीव लेवेन्थल ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से आश्रम आवासीय विद्यालयों के शिक्षकों और विद्यार्थियों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। मुख्यमंत्री ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार इस राज्य के आदिवासी समाज के उत्थान के लिए गंभीर है और इसमें विभिन्न संस्थाओं का सहयोग काफी कारगर साबित हो सकता है।
युवाओं को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की आवश्यकता
वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन की झारखंड प्रभारी सुनीता मुंडा ने कहा कि आदिवासी युवाओं में प्रतिभा और सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है, लेकिन मानसिक रूप से उन्हें और मजबूत बनाने की जरूरत है। इसी उद्देश्य से आरोहण कार्यक्रम के तहत कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पहल की सराहना की और कहा कि सरकार इस दिशा में किए जा रहे कार्यों का गहराई से अध्ययन कर आगे की रणनीति बनाएगी।
शिक्षा व्यवस्था में आरोहण को शामिल करने पर विचार
वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन के अधिकारियों ने बताया कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में ‘आरोहण’ को सफलतापूर्वक शामिल किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने झारखंड में भी इसे लागू करने की संभावना पर विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षकों एवं अधिकारियों की एक टीम को बिहार भेजा जाएगा, ताकि वहां किए गए कार्यों का अध्ययन किया जा सके और झारखंड में भी इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। सरकार की इस पहल से राज्य के आदिवासी युवाओं को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।