रांची: झारखंड सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चार स्थानों पर ग्लास ब्रिज के निर्माण को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है। ये ग्लास ब्रिज पतरातू, दशम फॉल और नेतरहाट में बनाए जाएंगे। नेतरहाट में दो ग्लास ब्रिज बनेंगे, जिनमें से एक मैगनोलिया प्वाइंट और दूसरा कोयल व्यू प्वाइंट पर स्थित होगा।
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दो पैकेज में होगा निर्माण
ग्लास ब्रिज निर्माण को दो पैकेज में विभाजित किया गया है। पहले पैकेज के तहत नेतरहाट में दो ब्रिज बनाए जाएंगे, जबकि दूसरे पैकेज में पतरातू घाटी के व्यू प्वाइंट और दशम फॉल में निर्माण कार्य किया जाएगा। राज्य सरकार ने इन सभी निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग को सौंपी है। विभाग डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के लिए कंसलटेंट के चयन की प्रक्रिया में जुटा है।
पर्यावरण पर विशेष ध्यान
ग्लास ब्रिज निर्माण के दौरान पर्यावरण और वन्य जीवों को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए कंसलटेंट पर्यावरणीय प्रभाव का भी अध्ययन करेगा। डीपीआर को स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।
ग्लास ब्रिज का डायमेंशन
- चौड़ाई: 3 मीटर
- लंबाई: 45 मीटर
- रेलिंग की ऊंचाई: 1.2 मीटर
आंदोलनकारियों के लिए हिमांशु कुमार की मांग
पृथक झारखंड आंदोलन में भाग लेने वाले आंदोलनकारियों की सूची तैयार करने और उन्हें सम्मान देने की मांग जोर पकड़ रही है। आंदोलनकारी हिमांशु कुमार ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि 2000 को आधार वर्ष मानकर आंदोलनकारियों की पहचान की जाए और उन्हें उचित सरकारी लाभ दिए जाएं।
हिमांशु कुमार की प्रमुख मांगें:
- सात दिन या अधिक जेल यात्रा करने वाले आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाए।
- झारखंड आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण दिया जाए।
- निजी संस्थानों में आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10% आरक्षण लागू किया जाए।
- झारखंड आंदोलन के दौरान दर्ज कानूनी मुकदमों को तत्काल वापस लिया जाए।
- 2004 तक मुकदमे झेलने वाले आंदोलनकारियों को 1 लाख रुपये, अन्य मामलों में 75,000 एवं 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाए।
राज्य सरकार इस संबंध में जल्द ही निर्णय ले सकती है।