रोस्पा टॉवर पर जीईएल चर्च का दावा, लीज रिन्यूवल रद्द, संचालन के लिए बनाई कमेटी….

झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड स्थित सबसे पुराने और बड़े कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, रोस्पा टॉवर पर जीईएल चर्च ने अपना अधिकार जताया है. चर्च का कहना है कि टॉवर की जमीन उनकी है और अब वे इसे खुद संचालित करेंगे. जीईएल चर्च छोटानागपुर और असम ने यह निर्णय लिया है कि इस जमीन का लीज रिन्यूवल नहीं किया जाएगा.

लीज समाप्त, रिन्यूवल पर रोक

यह जमीन 30 वर्षों के लिए रोशन कुमार सुरीन को लीज पर दी गई थी, जिसकी अवधि वर्ष 2018 में समाप्त हो चुकी है. चर्च प्रबंधन ने इसके बाद लीज रिन्यूवल का नोटिस नहीं जारी किया और टॉवर प्रबंधन से जमीन खाली करने को कहा. हालांकि, टॉवर प्रबंधन ने जमीन खाली नहीं की, जिसके बाद चर्च ने रोस्पा टॉवर का संचालन खुद करने का निर्णय लिया.

दुकानदारों की चिंता

चर्च प्रबंधन के इस फैसले से रोस्पा टॉवर के करीब 300 दुकानदार असमंजस में हैं. कई दुकानदारों ने वर्ष 2027-28 तक का किराया टॉवर प्रबंधन को पहले ही दे दिया है. चर्च महासचिव ईश्वर दत्त कंडुलना ने स्पष्ट किया है कि चर्च की अनुमति के बिना टॉवर की जमीन या दुकानों का किसी भी तरह का एग्रीमेंट, ट्रांसफर या खरीद-बिक्री अवैध होगी.

नक्शा उल्लंघन और जुर्माना

रोस्पा टॉवर का निर्माण नक्शा उल्लंघन के साथ किया गया था. नगर निगम ने वर्ष 2016 में इस पर 66 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. टॉवर के बेसमेंट में दुकान और गोदाम बनाकर नक्शे का उल्लंघन किया गया था. हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि बेसमेंट को खाली कर पार्किंग बनाई जाए. इसके बाद बेसमेंट की 9 दुकानों को हटाकर वहां पार्किंग बनाई गई और महिलाओं के लिए बाहर टॉयलेट का निर्माण हुआ.

चर्च का पक्ष और कार्रवाई

चर्च का कहना है कि रोशन कुमार सुरीन ने लीज की शर्तों का पालन नहीं किया. इसलिए अब टॉवर का संचालन चर्च खुद करेगा. चर्च सेंट्रल काउंसिल ने इसके लिए एक सब-कमेटी बनाई है, जिसे डॉ. लसुन लीड करेंगे. चर्च ने कहा है कि 15 दिनों के भीतर टॉवर का संचालन उनके नियंत्रण में आ जाएगा.

टॉवर प्रबंधन का पक्ष

रोस्पा टॉवर के संचालक रोशन कुमार सुरीन ने कहा कि यह मामला अभी एसडीओ कोर्ट में लंबित है. कोर्ट का फैसला आने तक टॉवर का संचालन पहले की तरह जारी रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि टॉवर का निर्माण नियमानुसार हुआ है और जिन हिस्सों में उल्लंघन पाया गया था, उन्हें पहले ही हटा दिया गया है.

भविष्य की स्थिति पर असमंजस

इस विवाद के कारण टॉवर में व्यापार करने वाले दुकानदारों की स्थिति अनिश्चित है. चर्च द्वारा जमीन के लीज रिन्यूवल पर रोक और टॉवर के संचालन का जिम्मा लेने के फैसले से विवाद और गहराने की संभावना है. मामला कोर्ट में होने के कारण अंतिम निर्णय आने तक स्थिति स्पष्ट नहीं होगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×