पालनी महज डेढ़ साल की थी जब उसके सर से पिता का साया उठ गया… अब वो बड़ी हो गई है और 7वीं कक्षा में पढ़ती है|उसे पढ़ने-लिखने का बहुत शौक है और वो आगे चलकर नर्स बनना चाहती है| लेकिन पिता की मौत के बाद सिमडेगा की पालनी और उसका परिवार आर्थिक संकट से घिर गया| आलम ये है कि घर चलाने के लिए पालनी सड़क किनारे और उसकी मां बसों में चने बेचती है|
पालनी अपनी आगे की पढ़ाई पूरे कर सके इसलिए वो रोजाना सड़क किनारे अपनी चने की दुकान लगाती है| इसी दौरान एबीपी न्यूज में कार्यरत पत्रकार ज्ञानेन्द्र तिवारी की नज़र इस चने बेच रही इस छोटी सी लड़की पर पड़ी| ज्ञानेन्द्र ने पालनी से बात की तो उसने बताया कि वो अपनी पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने के लिए चने बेचती है| उसने बताया कि वो नर्स बनना चाहती है कि क्योंकि नर्स लोगों की सेवा करती हैं| पालनी एक होनहार लड़की है, वो छठी कक्षा में बकायदा 75% अंकों से पास हुई है|
पत्रकार ज्ञानेन्द्र ने ये सारी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की और लोगों से पालनी की मदद करने के लिए लोगों से अपील की| इस ट्वीट पर कई लोग पालनी की मदद के लिए आगे आये लेकिन खास बात ये रही कि अब अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पालनी की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी उठाने जा रहे हैं|
जी हां, गौतम अडानी ने ज्ञानेन्द्र तिवारी के उस ट्वीट पर पालनी के परिवार की पूरी जानकारी मांगी| उन्होंने ट्विटर पर लिखा – “छोटी से बच्ची के इतने बड़े विचार… पालनी की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी| अगर आपमें से किसी के पास उसके परिवार की कॉन्टैक्ट डिटेल हो तो मुझे देने की कृपा करें| यही बेटियां नए और सशक्त भारत की उम्मीद हैं और इन्हें बेहतर कल मिले ये हम सभी की जिम्मेदारी है|”
वहीं, झारखंड के मुख्यंमत्री हेमंत सोरेन भी पालनी और उसके परिवार की मदद के आदेश दिए| उन्होंने जिला उपायुक्त को वहां जाकर पालनी के परिवार को सरकार की योजनाओं के जरिए मदद करने और उसकी बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया|