गैंगस्टर मयंक सिंह ने कोर्ट में नाम मानने से किया इनकार, जेल भेजा गया

रामगढ़/रांची, विशेष संवाददाता : झारखंड पुलिस की नाक में दम करने वाला कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह उर्फ सुनील कुमार मीणा शनिवार को रामगढ़ कोर्ट में पेश किया गया। लेकिन अदालत में उसने खुद को मयंक सिंह मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह इस नाम का व्यक्ति नहीं है और पुलिस ने उसे गलत पहचान के आधार पर गिरफ्तार किया है।

भारी सुरक्षा के बीच एंटी लैंड माइंस वाहन से पेशी के लिए लाए गए मयंक सिंह को अपर न्यायिक दंडाधिकारी संदीप बर्मन की अदालत में पेश किया गया। यहां एटीएस और बचाव पक्ष की ओर से लंबी दलीलें दी गईं। एटीएस की ओर से रिमांड की मांग की गई थी, लेकिन अदालत ने फिलहाल उसे रामगढ़ उपकारा भेजने का आदेश दिया।

झारखंड एटीएस ने इंटरपोल से जारी कराया था रेड कॉर्नर नोटिस

गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह पर झारखंड के रामगढ़ और पतरातू थाना क्षेत्र समेत कई थानों में दर्जनों मामले लंबित हैं। उसके खिलाफ रंगदारी, हत्या, लूट और गैंग ऑपरेशन से जुड़े 50 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं।

झारखंड एटीएस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया था, जिसके आधार पर उसे अजरबैजान से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद प्रत्यर्पण प्रक्रिया पूरी कर उसे झारखंड लाया गया।

पतरातू के मामले में कोर्ट में पेशी

शनिवार को उसे पतरातू थाना के भदानीनगर ओपी कांड संख्या 175/2022 के मामले में पेश किया गया। इस केस में उस पर रंगदारी मांगने का आरोप है।

राजस्थान का रहने वाला, कई राज्यों में दर्ज मामले

मयंक सिंह मूल रूप से राजस्थान के नयी मंडी थाना क्षेत्र, जीडीएस पुरानी मंडी घड़ासाहन का रहने वाला है। उसके खिलाफ केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि राजस्थान और पंजाब में भी कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई से रिश्ते

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मयंक सिंह के संबंध कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू और इंटरनेशनल अपराधी लॉरेंस बिश्नोई से रहे हैं। तीनों अपराधी मिलकर कई ऑपरेशन को अंजाम देते थे। पिछले साल अमन साहू को झारखंड पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था, जिसके बाद मयंक सिंह गिरोह का सक्रिय सदस्य बना रहा।

अजरबैजान से प्रत्यर्पण, झारखंड पुलिस का ऐतिहासिक ऑपरेशन

गैंगस्टर को अक्टूबर 2024 में अजरबैजान के दातू से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में टीम ने दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत औपचारिकताएं पूरी कर उसे रांची लाया।

शनिवार सुबह उसे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बीच लाया गया और बाद में रामगढ़ कोर्ट में पेश किया गया।

एटीएस एसपी बोले – “झारखंड पुलिस के इतिहास का पहला सफल प्रत्यर्पण”

रामगढ़ कोर्ट में पेशी के बाद एटीएस एसपी ऋषभ झा ने कहा:

“यह झारखंड पुलिस के इतिहास में पहला सफल प्रत्यर्पण है। यह उपलब्धि राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से ही संभव हुई है। अब उम्मीद है कि विदेश भागे अन्य अपराधियों को भी प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिये जल्द भारत लाया जाएगा।”

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