झारखंड में डिसेबिल्टी आइडी में गड़बड़ी करता है गिरोह..

रांची में विकलांगता प्रमाण पत्र में हेराफेरी का मामला सामने आया है, जिसको लेकर सदर अस्पताल में एक गिरोह काम कर रहा है. गिरोह के सदस्य सक्षम पदाधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र में गड़बड़ी कर विकलांगता के औसत फीसदी को बढ़ाने का काम करते हैं. इससे जुड़े व्यक्ति से आठ से 10 हजार रुपये लिये जाते हैं. गिरोह में शामिल सदस्य सिविल सर्जन कम चीफ मेडिकल ऑफिसर रांची की ओर से जारी विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र में विकलांगता के प्रतिशत को बढ़ा कर 45 प्रतिशत कर दिया जाता है ताकि संबंधित व्यक्ति सरकारी सेवाओं और पदों में आरक्षण के लिए योग्य हो सके, साथ ही विकलांगता पेंशन के लिए भी हकदार हो सके. हालांकि जांच के दौरान इस तरह के फर्जी सर्टिफिकेट की पहचान आसानी से हो जाती है. वहीं, सदर अस्पताल में हर बुधवार को विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जांच होती है. इस प्रकिया के दौरान चिकित्सा पदाधिकारी की हाजरी में प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति की भौतिक जांच होती है. जिसके बाद उन्हें अलग-अलग बिंदुओं पर ग्रेडिंग दी जाती है. बोर्ड की ओर से संबंधित व्यक्ति को विकलांगता का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिसमें विकलांगता का वर्णन किया रहता है. इसी आधार पर संबंधित व्यक्ति सरकारी सेवाओं और पदों में आरक्षण के लिए दावा कर सकता है. यहां से जारी हुए असली प्रमाण पत्र में गड़बड़ी करके उसमें विकलांगता प्रतिशत को 45 फीसदी तक बढ़ाया जा रहा है.

आरक्षण के लिए जरूरी है 40 प्रतिशत विकलांगता का प्रमाण पत्र..
सिर्फ ऐसे व्यक्ति ही पदों में आरक्षण के लिए योग्य हो सकेंगे, जो कम से कम 40 प्रतिशत प्रासंगिक विकलांगता से ग्रस्त हों. जो व्यक्ति आरक्षण का फायदा लेना चाहता है, उसे सक्षम प्राधिकारी से जारी करवा कर विकलांगता प्रमाण पत्र दिखाना होगा.

सर्टिफिकेट में गड़बड़ी करता है गिरोह..
एक 13 वर्षीय छात्र को पहले 10 प्रतिशत विकलांगता का सर्टिफिकेट जारी किया गया. जिसके बाद इसी सर्टिफिकेट में गड़बड़ी कर उसे 45 फीसदी कर दिया गया. वैसे ही एक 19 साल के छात्र को पहले 30 प्रतिशत विकलांगता प्रमाण पत्र सिविल सर्जन द्वारा जारी किया गया. बाद में गिरोह के लोगों ने इसी व्यक्ति के विकलांगता प्रतिशत को बढ़ा कर 45 प्रतिशत कर दिया. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जहां 51 वर्षीय व्यक्ति के विकलांगता सर्टिफिकेट को छेड़छाड़ कर 45 फीसदी कर दिया गया. इन तीनों लोगों के सर्टिफिकेट सिविल सर्जन की ओर से जारी किए गए हैं, जिसमें 29 मई और 30 मई 2024 की तारीख अंकित है.

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