रांची के झिरी में कचरे के ढेर से बना पहाड़ अब खत्म होगा। गेल इंडिया झिरी में कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाने जा रही है। राज्य सरकार ने गेल इंडिया को इसकी मंजूरी दे दी है। इसे लेकर गेल इंडिया और रांची नगर निगम के बीच 22 वर्षों के लिए एमओयू साइन होगा। गेल को निगम की ओर से झिरी में आठ एकड़ भूमि दी जाएगी। यहां गेल अपने खर्च पर 150-150 मीट्रिक टन के दो प्लांट स्थापित करेगा। प्लांट को नि:शुल्क ठोस अपशिष्ट (कचरा ) दिया जाएगा जिसे वह गैस या खाद बनाकर बेच सकेगा।
प्रोसेसिंग प्लांट से रांची को क्या फायदा होगा
रांची नगर निगम द्वारा झिरी में बीते एक दशक से रांची का कचरा डंप किया जा रहा है। पूरे रांची से रोजाना करीब 250 मीट्रिक टन गिला कचरा निकलता है। अब तक कचरे के निष्पादन के लिए प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने की वजह से झिरी डंपिंग यार्ड पहाड़ का रूप ले चुका है।
झिरी डंपिंग यार्ड के आसपास करीब 10 हजार की आबादी बसी हुई है। लेकिन यहां फैले कचरे से इन लोगों की ज़िन्दगी बदहाल है। कई दफा कचरे में आग लग जाती है और उसके धुएं से आसपास का इलाका प्रभावित होता है।
दरअसल रांची नगर निगम ने इससे पहले प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए एस्सेल इंफ्रा से भी करार किया था। लेकिन कंपनी यहां प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगा पाई थी। ऐसे में अब गेल इंडिया से करार के बाद झिरी के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
स्वच्छ सर्वेक्षण में सुधरेगी रैंकिंग
रांची नगर निगम हर साल स्वच्छ सर्वेक्षण में देश भर में पीछे रह जाता था। कचरा निष्पादन के लिए प्रोसेसिंग प्लांट का अभाव होना इसका एक मुख्य कारण था। सर्वेक्षण में प्रोसेसिंग प्लांट के लिए 1500 अंक मिलते हैं जिससे रांची नगर निगम हर साल वंचित रेह जाता था। इसकी वजह से सर्वेक्षण में रांची नगर निगम हमेशा टॉप 20 से बाहर हो जाता था। प्रोसेसिंग प्लांट बनने से आने वाले समय में रांची नगर निगम देश के टॉप-10 शहरों में जगह बना सकता है।