झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को तपोवन मंदिर के पुनरुद्धार कार्य में राज्य सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया. रांची के तपोवन मंदिर, जो अपनी प्राचीनता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, के पुनर्निर्माण के लिए आयोजित एक विशेष समारोह में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की. इस ऐतिहासिक मंदिर की महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसे पुनः अपने गौरवशाली स्वरूप में लाने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई.
पुराना मंदिर, नई शुरुआत
तपोवन मंदिर का इतिहास करीब 375 साल पुराना है, और यह मंदिर राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है. यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसके साथ कई ऐतिहासिक घटनाएं भी जुड़ी हुई हैं. मंदिर की पुरानी संरचना धीरे-धीरे क्षीण हो रही थी, जिसे देखते हुए इसके पुनरुद्धार की जरूरत महसूस की गई. इस आवश्यकता के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने इस पवित्र स्थल को पुनः जीवंत करने के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरी सहायता का वादा किया.
मंदिर का पुनरुद्धार कार्य
पुनरुद्धार कार्य के तहत मंदिर की मौजूदा संरचना को मजबूती प्रदान की जाएगी और इसे विस्तारित किया जाएगा. इस कार्य के लिए करीब 11 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट का उपयोग मंदिर के निर्माण कार्य के साथ-साथ मंदिर के आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए भी किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत मंदिर की पारंपरिक स्थापत्य कला को ध्यान में रखते हुए उसकी मरम्मत की जाएगी, जिससे मंदिर की ऐतिहासिकता को बनाए रखा जा सके. साथ ही, मंदिर परिसर में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं शामिल होंगी.
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि तपोवन मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे सभी धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन धरोहरों का संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने मंदिर के पुनरुद्धार के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया और कहा कि यह कार्य गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंदिर का पुनरुद्धार सिर्फ एक निर्माण कार्य नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में उठाया गया कदम है.
समारोह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
इस समारोह में मंदिर के पुनरुद्धार के लिए श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखा गया. बड़ी संख्या में लोग इस अवसर पर उपस्थित थे और उन्होंने मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया. इस दौरान मंदिर के पुजारियों और अन्य धार्मिक नेताओं ने भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और उन्हें पुनरुद्धार कार्य में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मंदिर की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डाला और कहा कि यह मंदिर झारखंड के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मंदिर का पुनरुद्धार कार्य राज्य की समृद्ध धार्मिक परंपराओं को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
आने वाले वर्षों के लिए योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आने वाले वर्षों में अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए भी इसी प्रकार के कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि इन स्थलों के संरक्षण और विकास से राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सकेगा.