40 रुपये दिहाड़ी से ‘Wow Idli’ स्टार्टअप तक: किशन तांती की सफलता की कहानी

धनबाद | विशेष संवाददाता | झारखंड के धनबाद जिले के मैथन क्षेत्र के पंचेत गांव के रहने वाले किशन तांती ने साबित कर दिया है कि संघर्ष और मेहनत किसी भी हालात को बदल सकते हैं। कभी 40 रुपये की दिहाड़ी पर काम करने वाले किशन आज अपने स्टार्टअप ‘Wow Idli’ से हर महीने 50 हजार रुपये तक कमा रहे हैं और एक साल के भीतर अपनी कंपनी को एक करोड़ का कारोबार बनाने का सपना देख रहे हैं।

संघर्ष से भरा बचपन

किशन का बचपन बेहद कठिनाइयों में गुजरा।

  • पिता गली-मोहल्लों में गोलगप्पे बेचकर परिवार चलाते थे।
  • मां घर संभालती थीं।
  • आर्थिक तंगी के कारण किशन को 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी।

कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का बोझ उठाना पड़ा। कभी कंपाउंडर बनकर 40 रुपये रोजाना कमाए, तो कभी लैब असिस्टेंट का काम किया।

कैमरे से किचन तक का सफर

बेहतर जिंदगी की तलाश में किशन ने कैमरा खरीदा और शादी-ब्याह में फोटो-वीडियो शूटिंग शुरू कर दी। यूट्यूब चैनल भी बनाया, लेकिन वह अचानक बंद हो गया। स्टेशन पर खाना बेचने की कोशिश भी असफल रही।

इन असफलताओं और आर्थिक संकट ने उन्हें डिप्रेशन की कगार पर पहुंचा दिया। लेकिन परिवार और दोस्तों ने हौसला दिया। यही वह मोड़ था, जब ‘Wow Idli’ का जन्म हुआ।

तीन हजार से शुरू, छह महीने में 50 हजार तक

साल 2025 की शुरुआत में किशन ने सिर्फ 3000 रुपये की पूंजी से इडली बेचने का काम शुरू किया।

  • मोटरसाइकिल से घूम-घूमकर इडली बेचना शुरू किया।
  • शुरुआती दिनों में कमाई सिर्फ 2000 रुपये रही।
  • लेकिन छह महीने बाद यही कारोबार 50 हजार रुपये महीना तक पहुंच गया।

खास बात यह रही कि जहां सामान्य रेस्तरां में एक प्लेट इडली 50-60 रुपये की मिलती है, वहीं Wow Idli पर सिर्फ 20 रुपये में तीन पीस इडली, चटनी और सांभर के साथ मिलती है।

परिवार और दोस्तों का योगदान

किशन अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों को देते हैं।

  • मां गीता देवी और पिता अनिल तांती हर मुश्किल में साथ खड़े रहे।
  • दोस्त रितिक, गुड्डू और संदीप ने हौसला बढ़ाया।
  • आसिफ अली ने अपनी टीम के साथ उनकी वेबसाइट गिफ्ट की।
  • आयुष राणा और सुमित भी लगातार साथ रहे।

परिवार इडली के साथ परोसी जाने वाली चटनी और सांभर बनाने में उनकी मदद करता है।

सोशल मीडिया से मिली पहचान

किशन ने सोशल मीडिया पर अपनी कहानी और इडली बेचने की झलकियां शेयर करनी शुरू कीं।

  • उनके वीडियो पर लाखों व्यूज आने लगे।
  • यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर 20 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स।
  • फेसबुक के साथ मिलाकर डेढ़ करोड़ फॉलोअर्स

हाल ही में उन्होंने होम डिलीवरी का प्रयास किया और उन्हें 3500 प्लेट इडली का ऑर्डर मिला, लेकिन अकेले होने की वजह से पूरा नहीं कर पाए।

सपनों की उड़ान

किशन का अगला लक्ष्य है:

  • इस दुर्गापूजा से पहले कैफे खोलना।
  • होम डिलीवरी का काम फिर से शुरू करना।
  • आसपास के युवाओं को रोजगार देना।
  • आने वाले समय में पूरे भारत में ‘Wow Idli’ की फ्रेंचाइजी शुरू करना।

किशन गर्व से कहते हैं:

“लोग हंसते थे कि इडली बेचकर क्या मिलेगा। लेकिन आज वही लोग ताली बजाकर कहते हैं – कभी अपने हाथ की बनी इडली हमें भी खिलाओ।”

किशन तांती की कहानी सिर्फ एक स्टार्टअप की नहीं, बल्कि उस हौसले की मिसाल है, जिसने हालात से हार नहीं मानी। उनकी मेहनत और संघर्ष आज लाखों युवाओं को यह संदेश देता है कि “छोटा काम कोई छोटा नहीं होता, बस इरादा बड़ा होना चाहिए।”

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