पलामू जिले में चतुर्थवर्गीय (फोर्थ क्लास) पदों पर बहाली अब लिखित परीक्षा के आधार पर की जाएगी। हेमंत सरकार ने इस निर्णय को मंजूरी देते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले पलामू में हुई चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था और साथ ही पलामू के उपायुक्त (DC) को निर्देश दिया था कि छह माह के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।
अभ्यर्थियों की मांग पर लिया गया बड़ा फैसला
पलामू जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए पूर्व विज्ञापन में चयन प्रक्रिया अंक आधारित रखी गई थी। हालांकि, अभ्यर्थियों ने मांग की थी कि बहाली लिखित परीक्षा के आधार पर हो, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सभी को समान अवसर मिल सके।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अभ्यर्थियों की इस मांग को कैबिनेट बैठक में उठाया। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति प्रक्रिया पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
कैबिनेट में मिली हरी झंडी
हाल ही में 11 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में वित्त मंत्री ने एक बार फिर मुख्यमंत्री का ध्यान इस विषय पर दिलाया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब चतुर्थवर्गीय कर्मियों की बहाली लिखित परीक्षा के माध्यम से कराने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने पलामू डीसी को निर्देश दिया है कि नियुक्ति प्रक्रिया को लिखित परीक्षा के आधार पर पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
मुख्य बिंदु:
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सुप्रीम कोर्ट ने पहले की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द की थी।
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बहाली की नई प्रक्रिया में अंक आधारित चयन के बजाय लिखित परीक्षा होगी।
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पलामू डीसी को नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश।
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पारदर्शिता और समान अवसर के लिए सरकार का अहम कदम।