रांची/पलामू। झारखंड में चतुर्थ श्रेणी (फोर्थ ग्रेड) कर्मचारियों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बड़ा फैसला वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर की सिफारिश के बाद लिया। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब राज्य की जरूरतों और युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए नई नियमावली तैयार की जाएगी।
वित्त मंत्री ने उठाई चिंता: बिहार की नियमावली से हो रहा नुकसान
गौरतलब है कि झारखंड में अब तक चतुर्थ श्रेणी की बहाली बिहार सरकार की पुरानी नियमावली के आधार पर की जा रही थी। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि यह नियमावली झारखंड के युवाओं के लिए नुकसानदायक है और इससे स्थानीय युवाओं को उनका हक नहीं मिल रहा।
मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला, अधिकारियों को दिए निर्देश
वित्त मंत्री द्वारा मुख्य सचिव अलका तिवारी से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री से इस मामले में बातचीत की गई। मुख्यमंत्री ने तत्परता दिखाते हुए पलामू समेत राज्यभर में चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दे दिया। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को राज्य की विशेष परिस्थितियों के अनुसार नई नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए।
पलामू में उठे सवाल, मेरिट लिस्ट पर मचा विवाद
पलामू में जारी की गई चतुर्थ श्रेणी नियुक्ति की प्रक्रिया पहले लिखित परीक्षा के आधार पर होती थी, लेकिन इस बार यह मैट्रिक के अंकों के आधार पर तय की गई थी। इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी फैल गई थी, क्योंकि इस प्रक्रिया में झारखंड के स्थानीय युवाओं के हितों की अनदेखी हो रही थी। युवाओं ने नियुक्ति प्रक्रिया को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने की मांग की।
हर साल हजारों युवा जाते हैं राज्य से बाहर
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में रोजगार के अवसरों की कमी के कारण हर साल हजारों युवा राज्य से बाहर पलायन करते हैं। ऐसे में फोर्थ ग्रेड के पदों पर स्थानीय लोगों को वरीयता मिलनी चाहिए ताकि राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता मिल सके।
क्या होगा आगे?
अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई नियमावली के तहत चतुर्थ श्रेणी पदों पर स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता, पारदर्शी चयन प्रक्रिया और संभवतः लिखित परीक्षा आधारित बहाली की व्यवस्था की जाएगी। इससे न सिर्फ विवाद खत्म होगा बल्कि योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा।