झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास की राजनीति सक्रिय में वापसी, कहा- ‘मैं सीएम हूं और हमेशा रहूंगा’…..

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रघुवर दास ने हाल ही में ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने के बाद सक्रिय राजनीति में वापसी की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि वह 10 जनवरी 2025 को फिर से पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने जा रहे हैं. रांची में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने अपने बयान, “मैं सीएम हूं और हमेशा सीएम रहूंगा,” पर जोर देते हुए सीएम का मतलब समझाया. उन्होंने कहा कि सीएम का मतलब “कॉमन मैन” यानी ऐसा व्यक्ति है, जिससे कोई भी कभी भी मिल सकता है.

सक्रिय राजनीति में वापसी का ऐलान

रघुवर दास ने बताया कि वह भाजपा के एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में दोबारा शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी ने अब तक उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपी है, उसे उन्होंने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाया है. आगे भी वह उसी निष्ठा के साथ काम करते रहेंगे. दास ने कहा, “भाजपा मेरी कर्मभूमि है. पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में निभाऊंगा.

राजनीतिक सफर और जनता के लिए प्रतिबद्धता

रघुवर दास ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को जनता के प्रति समर्पित होकर निभाया है. झारखंड के मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल के तौर पर उनका मुख्य फोकस हमेशा आम जनता की मदद करना रहा है. उन्होंने बताया कि ओडिशा के राज्यपाल के रूप में अपने 14 महीने के कार्यकाल में उन्होंने राजभवन के दरवाजे आम जनता के लिए हमेशा खुले रखे.

‘सीएम’ का मतलब: कॉमन मैन

पत्रकारों से बातचीत के दौरान रघुवर दास ने अपने प्रसिद्ध बयान “मैं सीएम हूं और हमेशा सीएम रहूंगा” को विस्तार से समझाया. उन्होंने कहा कि सीएम का मतलब “कॉमन मैन” है. उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद को किसी एक पद या सीमित दायरे में नहीं बांधते. उनका उद्देश्य हमेशा जनता की सेवा करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना रहा है.

धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन की घोषणा

सक्रिय राजनीति में वापसी से पहले रघुवर दास ने झारखंड में धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है, जिससे आदिवासी समाज की अस्मिता को खतरा है. उन्होंने इस स्थिति को एक साजिश करार देते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए गांव-गांव में आंदोलन खड़ा किया जाएगा. दास ने कहा, “झारखंड में आदिवासियों और मूलवासियों की अस्मिता को मिटाने की योजनाबद्ध साजिश हो रही है. इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मैं गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करूंगा और धर्मांतरण के खिलाफ एक मजबूत आंदोलन खड़ा करूंगा.

धर्मांतरण पर सख्त कानून की वकालत

झारखंड के मुख्यमंत्री रहते हुए रघुवर दास ने धर्मांतरण के खिलाफ एक सख्त बिल विधानसभा में पेश किया था. उन्होंने कहा कि यह बिल आदिवासी समाज की रक्षा के लिए जरूरी था. उन्होंने दोहराया कि धर्मांतरण को रोकने के लिए वह अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे धर्मांतरण के खिलाफ इस लड़ाई में उनका साथ दें और इस साजिश को बेनकाब करें.

भाजपा में नई शुरुआत की तैयारी

10 जनवरी को रघुवर दास भाजपा की सदस्यता फिर से ग्रहण करेंगे. उन्होंने कहा कि वह एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में शामिल होंगे और पार्टी के निर्देशानुसार काम करेंगे. उन्होंने अपनी निष्ठा और समर्पण को दोहराते हुए कहा कि भाजपा ने जो भी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, उसे उन्होंने हमेशा ईमानदारी से निभाया है.

रघुवर दास का राजनीतिक दृष्टिकोण

रघुवर दास ने कहा कि उनकी राजनीति का उद्देश्य हमेशा समाज की भलाई और विकास रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के रूप में उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया. उनकी राजनीति का मूल आधार जनता के लिए समर्पित रहना और उनकी समस्याओं को समझना है.

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