रांची: झारखंड सरकार ने जनजातीय सलाहकार समिति (टीएसी) का गठन कर दिया है। यह गठन झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल रूल्स, 2021 के नियम 3 और 4 के तहत किया गया है। इस समिति में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पदेन अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा पदेन उपाध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे।
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समिति में 19 सदस्य शामिल
झारखंड जनजातीय सलाहकार समिति में एसटी कोटे से 15 विधायकों को शामिल किया गया है। इनमें भाजपा विधायक चंपाई सोरेन और बाबूलाल मरांडी का भी नाम शामिल है। चंपाई सोरेन को 7वां स्थान जबकि बाबूलाल मरांडी को 17वां स्थान दिया गया है।
एसटी, एससी एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, समिति के अन्य सदस्यों में स्टीफन मरांडी, आलोक सोरेन, लुईस मरांडी, संजीव सरदार, सोनाराम सिंकू, जगत मांझी, दशरथ गगराई, संदीप गुड़िया, राम सूर्या मुंडा, राजेश कच्छप, जीगा सुसारन होरो, नमन विक्सल कोनगाड़ी और रामचंद्र सिंह शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्वी सिंहभूम के पोटका निवासी जोसाई मार्डी और रांची के सदकनादु निवासी नारायण उरांव को मनोनीत सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
जल्द होगी पहली बैठक
ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही टीएसी की पहली बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पेसा कानून की नियमावली पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
कोल्हान का दबदबा बरकरार
इस बार भी झारखंड जनजातीय सलाहकार समिति में कोल्हान क्षेत्र का प्रभाव देखने को मिल रहा है। समिति में कोल्हान क्षेत्र के पांच विधायकों को शामिल किया गया है, जो इस क्षेत्र की जनजातीय राजनीति में इसके महत्त्व को दर्शाता है।
जनजातीय समुदायों के विकास और अधिकारों की रक्षा के लिए गठित इस समिति से राज्य की आदिवासी नीतियों को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।