रांची : झारखंड सरकार राज्य में शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी के उद्देश्य से शराब नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है। उत्पाद विभाग द्वारा तैयार किये गये प्रस्ताव के अनुसार, राज्य में बिकने वाले अधिकांश पॉपुलर ब्रांड की कीमतें 10 रुपये से लेकर 60 रुपये तक बढ़ेंगी। इसमें रॉयल स्टैग, रॉयल चैलेंज, ब्लेंडर्स प्राइड, सिग्नेचर जैसे ब्रांड शामिल हैं।
वहीं, ब्लैक लेबल, शीवाज रीगल, एब्सल्यूट जैसी विदेश में निर्मित विदेशी शराब (फॉरेन मेड फॉरेन लिकर) सस्ती होगी। इनकी कीमतों में 1,000 से लेकर 8,000 रुपये तक की कमी आयेगी।
390 ब्रांड होंगे महंगे, 149 होंगे सस्ते..
नई नियमावली के अनुसार, राज्य में बिकने वाले 562 शराब ब्रांडों में से 390 ब्रांड (लगभग 69%) की कीमतें बढ़ेंगी। यह वृद्धि 180 एमएल के हिसाब से 10 से 60 रुपये तक होगी। वहीं, 149 ब्रांड (26%) की कीमतों में गिरावट आएगी। 23 ब्रांड ऐसे भी हैं जिनकी कीमतें यथावत रहेंगी।
देसी शराब होगी सस्ती, महुआ की चुनौती से निपटने की तैयारी..
सरकार ने देसी शराब को महुआ के विकल्प के रूप में पेश करने की योजना बनाई है। वर्ष 2019-20 में देसी शराब की खपत 116 लाख एलपीएल थी, जो घटकर 2024-25 में मात्र 14.79 लाख एलपीएल रह गयी। नई नीति लागू होने के बाद देसी शराब की कीमतों में 10 से 25 रुपये तक की कमी होगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे महुआ शराब की लोकप्रियता में गिरावट आयेगी।
टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव, ज्यादा बिक्री पर ज्यादा मुनाफा..
वर्तमान में राज्य में शराब पर केवल फर्स्ट प्वाइंट सेल पर 75% वैट लागू होता है। प्रस्तावित नियमावली में इसे घटाकर अलग-अलग स्टेज पर अधिकतम 5% तक किया जाएगा। इसके साथ ही अलग-अलग ब्रांड पर अलग-अलग एक्साइज ड्यूटी लागू की जाएगी। एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से सरकार प्राइसिंग पर नियंत्रण रखेगी, जिससे अवैध तस्करी (स्मगलिंग) की संभावना भी घटेगी।
राजस्व में 1300 करोड़ रुपये तक की वृद्धि की उम्मीद..
उत्पाद विभाग का अनुमान है कि नई शराब नीति से राज्य को 1,000 से 1,300 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त आय हो सकती है। यह प्रस्ताव वित्त और विधि विभाग की मंजूरी के बाद अब कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही नई मूल्य तालिका लागू कर दी जाएगी।