जमशेदपुर, 20 जून 2025 | पिछले 72 घंटों से हो रही लगातार मूसलधार बारिश ने जमशेदपुर और पूर्वी सिंहभूम जिले में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। गुरुवार को जमशेदपुर में 253.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो झारखंड में सर्वाधिक है। इसके चलते स्वर्णरेखा और खरकई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, और शहर के कई निचले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।
🌊 स्वर्णरेखा और खरकई उफनाईं, डैम से खोले गए गेट
- स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर 123.40 मीटर (मानगो ब्रिज) तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 121.50 मीटर से ऊपर है।
- खरकई नदी का जलस्तर 133.65 मीटर (आदित्यपुर ब्रिज) पर है, जो खतरे के निशान 129 मीटर को पार कर चुका है।
- चांडिल डैम में जलस्तर बढ़कर 181.50 मीटर होने पर 11 रेडियल गेट खोल दिए गए हैं।
इससे डूब क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की गई है।
🏘️ निचले इलाके जलमग्न, बस्तियों में घुसा पानी
बागबेड़ा, मानगो, कदमा और सोनारी जैसे क्षेत्रों में बस्तियों, फ्लैट्स और अपार्टमेंट्स में पानी घुस चुका है।
- आशियाना वुडलैंड जैसे हाई-एंड अपार्टमेंट्स में डुप्लेक्स मकान और कारें डूब गई हैं।
- लोगों को नावों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
- कई जगहों पर बिजली सेवा ठप, सड़कें बंद और यातायात अवरुद्ध है।
📉 जिले में बारिश का प्रखंडवार ब्यौरा
प्रखंड | बारिश (मिमी) |
---|---|
जमशेदपुर | 253.2 |
घाटशिला | 195.6 |
मुसाबनी | 172.8 |
पोटका | 161.8 |
पटमदा | 154.8 |
गुड़ाबांधा | 153.4 |
बोड़ाम | 142.2 |
चाकुलिया | 135.6 |
बहरागोड़ा | 131.2 |
धालभूमगढ़ | 186.8 |
डुमरिया | 46.0 |
🌦️ मौसम विभाग का पूर्वानुमान: राहत नहीं, और बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार से रविवार तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
- तापमान:
- अधिकतम: 21.6 डिग्री सेल्सियस
- न्यूनतम: 21.4 डिग्री सेल्सियस
- लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदियों, डैम और जलजमाव वाले क्षेत्रों से दूर रहें।
🌾 किसानों की बढ़ी चिंता, फसल को नुकसान की आशंका
जिला कृषि पदाधिकारी विवेक बिरूआ ने बताया कि लगातार बारिश से धान की नर्सरी और बुवाई प्रभावित हो रही है। यदि जलजमाव लंबे समय तक रहा, तो फसल को नुकसान होगा। हालांकि, यदि पानी निकल जाए, तो यह बारिश धान की रोपनी के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
जमशेदपुर में मानसून ने राहत से ज़्यादा आफत का रूप ले लिया है। नदियों का खतरे के निशान से ऊपर जाना, शहर में जलजमाव, और लोगों को नावों से निकालना बताता है कि यह प्राकृतिक आपदा प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए एक सतर्कता का समय है। आने वाले दिनों में यदि बारिश का क्रम जारी रहा, तो स्थिति और विकराल हो सकती है।