देश में नए कानून व्यवस्था में फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर झारखंड सरकार ने राज्य में पांच क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं (RFSLs) की स्थापना करने का निर्णय लिया है. इस योजना के लिए कुल 718 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है. इसके साथ ही, 24 जिलों के लिए अलग-अलग मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट भी स्थापित की जाएंगी.
विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना का महत्व
देश में नए लागू भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए यह निर्णय लिया गया है. इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य किया जाएगा, जिससे अपराध मामलों की जांच और निष्पादन में तेजी आएगी. यह प्रयोगशालाएं नवीनतम तकनीकों से लैस होंगी और हर प्रकार के फॉरेंसिक परीक्षण कर सकेंगी.
प्रस्तावित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं
राज्य के विभिन्न जिलों में इन प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी. चाईबासा, दुमका, कोडरमा, हजारीबाग और पलामू में इन प्रयोगशालाओं को स्थापित करने की योजना बनाई गई है. हर प्रयोगशाला पर अनुमानित 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट
इसके अलावा, 24 जिलों के लिए अलग-अलग मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट भी बनाई जाएंगी. इन यूनिट्स के माध्यम से दूरदराज के इलाकों में भी फॉरेंसिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी. मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट्स से तत्काल जांच की जा सकेगी, जिससे अपराध मामलों की त्वरित जांच और निष्पादन संभव होगा.
सरकार का आदेश और योजना का क्रियान्वयन
झारखंड सरकार ने इन प्रयोगशालाओं की स्थापना और संचालन के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने इस योजना के लिए 718 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें 600 करोड़ रुपये फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के निर्माण और 120 करोड़ रुपये मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट्स के लिए आवंटित किए गए हैं.
विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की विशेषताएं
इन प्रयोगशालाओं में अत्याधुनिक उपकरण और तकनीकें होंगी, जो हर प्रकार के फॉरेंसिक परीक्षण करने में सक्षम होंगी. यह प्रयोगशालाएं डीएनए परीक्षण, फिंगरप्रिंट विश्लेषण, नारकोटिक्स परीक्षण, और अन्य महत्वपूर्ण फॉरेंसिक विश्लेषण कर सकेंगी. इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से अपराध मामलों की जांच में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी.
फॉरेंसिक जांच का महत्व
नए कानून व्यवस्था के तहत फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य करने का निर्णय अपराध मामलों की जांच और निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. फॉरेंसिक जांच से अपराधियों की पहचान और उनके खिलाफ सबूत जुटाने में मदद मिलेगी. इससे न्याय प्रणाली में सुधार होगा और अपराधियों को सजा दिलाने में आसानी होगी.
सरकार की प्रतिबद्धता
झारखंड सरकार ने विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं और मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट्स की स्थापना के लिए प्रतिबद्धता जताई है. सरकार ने संबंधित विभागों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करें. इसके साथ ही, सरकार ने फॉरेंसिक जांच की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी निर्देश दिया है.