रिजल्ट के इंतजार में बैठे पांच लाख छात्र: कक्षा नौवीं में नामांकन अटका

रांची: झारखंड में सरकारी स्कूलों का नया शैक्षणिक सत्र 2025-26 एक अप्रैल से प्रारंभ हो चुका है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा नया शैक्षणिक कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है, जिसमें तीसरे अप्रैल से कक्षाएं आरंभ करने की बात कही गई थी। कई स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन राज्य के लगभग 5.18 लाख कक्षा आठवीं के विद्यार्थी अभी तक रिजल्ट के इंतजार में घर पर ही हैं।

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कक्षा आठवीं की बोर्ड परीक्षा पिछले महीने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा आयोजित की गई थी। परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन के अंक तो स्कूलों ने जमा कर दिए हैं, लेकिन अंतिम परिणाम मई माह में जारी होने की संभावना है। उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में समय लगने के कारण रिजल्ट में देरी हो रही है, जिससे विद्यार्थियों का नामांकन कक्षा नौवीं में नहीं हो पा रहा है।

रिजल्ट के बिना नहीं हो रहा नामांकन

राज्य भर के हाइस्कूलों में कक्षा नौवीं में नामांकन की प्रक्रिया रिजल्ट जारी न होने के कारण ठप पड़ी हुई है। रामलखन सिंह यादव उच्च विद्यालय, कोकर के प्राचार्य ने संवाददाता को बताया कि बिना आठवीं का रिजल्ट देखे किसी छात्र का नामांकन संभव नहीं है। जब तक परिणाम नहीं आता, तब तक विद्यार्थी कक्षा नौवीं में प्रवेश नहीं ले सकते।

केस स्टडी 01: नामांकन की प्रक्रिया ठप
रामलखन सिंह यादव उच्च विद्यालय, कोकर में अभी तक कक्षा नौवीं का नामांकन शुरू नहीं हुआ है। प्राचार्य ने स्पष्ट किया कि आठवीं का परिणाम आने के बाद ही छात्रों का नामांकन किया जाएगा।

केस स्टडी 02: कक्षाएं शुरू ही नहीं हुईं
बालकृष्ण प्लस टू उच्च विद्यालय में भी अभी कक्षा नौवीं की पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। अभिभावकों और छात्रों को केवल नाम लिखकर इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। सभी को परिणाम आने के बाद ही अंतिम नामांकन की सूचना दी जाएगी।

केस स्टडी 03: मध्य विद्यालय में छात्र नहीं लौटे
मध्य विद्यालय कोकर में बताया गया कि 50 छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन जब तक उनका रिजल्ट नहीं आता, वे हाइस्कूल में नामांकन नहीं ले सकते। इसी कारण विद्यालय में अभी वे छात्र नहीं आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में अस्थायी नामांकन

मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर नौवीं कक्षा में अस्थायी (प्रोविजनल) नामांकन लिया गया है। छात्रों को अपने दस्तावेज़ों की पुष्टि के लिए एक माह का समय दिया गया है। लेकिन अधिकांश सरकारी स्कूलों में इस प्रकार की सुविधा नहीं है।

रिजल्ट में देरी की वजह से राज्य के लगभग पांच लाख विद्यार्थियों का भविष्य फिलहाल अधर में है। जहां एक ओर स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है, वहीं दूसरी ओर आठवीं पास छात्र अगली कक्षा में प्रवेश के लिए भटक रहे हैं। शिक्षा विभाग को चाहिए कि मूल्यांकन प्रक्रिया को तेज करते हुए जल्द से जल्द परिणाम जारी करे, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।

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