चतरा-डोभी एनएच-22 पर पहला टोल प्लाजा तैयार, वाहन मालिकों की बढ़ेगी मुश्किलें….

राष्ट्रीय राजमार्ग-22 (एनएच-22) पर चतरा-डोभी मार्ग पर सफर करने वाले वाहन चालकों को अब अपनी जेबें और ढीली करनी पड़ेंगी. इस मार्ग पर झारखंड और बिहार को जोड़ने वाला पहला टोल प्लाजा बनकर तैयार हो चुका है. हंटरगंज प्रखंड के मुरैनवा गांव के पास स्थित यह टोल प्लाजा अगले साल 2025 से चालू हो सकता है. इसके शुरू होने के बाद इस प्रमुख मार्ग पर यात्रा करने वाले वाहन मालिकों से टोल टैक्स वसूला जाएगा.

चतरा-डोभी मार्ग पर पहला टोल प्लाजा

यह टोल प्लाजा झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा से बिहार के गया जिले के डोभी मार्ग के बीच बनाया गया है. चंदवा-डोभी मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग-22 के तहत यह पहला टोल प्लाजा है. इसे चतरा जिले के वशिष्ठ नगर थाना से लगभग चार किलोमीटर पहले स्थापित किया गया है. चंदवा-डोभी मार्ग, जो बालूमाथ और चतरा होते हुए हंटरगंज तक जाता है, को जनवरी 2001 में राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किया गया था.

मार्ग की कुल लंबाई और स्थिति

इस राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 416 किलोमीटर है, जिसमें से 106 किलोमीटर झारखंड में और शेष हिस्सा बिहार में आता है. हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर घोषित होने के लगभग ढाई दशक बाद भी इस सड़क की स्थिति मानकों के अनुरूप नहीं है. वर्तमान में चंदवा से डोभी तक की सड़क काफी जर्जर है और यह केवल टू-लेन की है.

सुधार और चौड़ीकरण का कार्य जारी

बालूमाथ से चतरा के बीच सड़क को मजबूत बनाने और चौड़ा करने का कार्य चल रहा है. हालांकि, चतरा और हंटरगंज के बीच स्थित संघरी घाटी में स्थिति बेहद खराब है. इस घाटी क्षेत्र में फॉरेस्ट विभाग की आपत्तियों के कारण लगभग दो से ढाई साल तक जीर्णोद्धार और मजबूतीकरण का काम रुका रहा. काफी संघर्ष के बाद अप्रैल-मई 2024 में इस क्षेत्र के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी किया गया, जिसके बाद रुका हुआ कार्य पूरा हुआ.

एनएचएआई के अधीन होगा संचालन

नए टोल प्लाजा का निर्माण राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) द्वारा कराया गया है, लेकिन इसका संचालन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) करेगा. वर्तमान में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद हैंडओवर की प्रक्रिया चल रही है. एनएच ने एनएचएआई को हैंडओवर के लिए पत्र लिखा है, और इसकी प्रक्रिया जल्द पूरी होने की संभावना है.

संचालन में आ सकती है बाधा

हालांकि, टोल प्लाजा के संचालन में नई समस्या उत्पन्न हो सकती है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नए नियमों के अनुसार, किसी भी मार्ग पर 60 किलोमीटर के भीतर एक से अधिक टोल प्लाजा नहीं हो सकता. जबकि इस मार्ग पर गया जिले के आमस के पास पहले से ही एक टोल प्लाजा सक्रिय है. आमस से जोरी मुरैनवा (नया टोल प्लाजा) की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है. ऐसे में नए टोल प्लाजा के संचालन में पेच फंस सकता है. जब तक एनएचएआई इस नए टोल प्लाजा को अपने अधीन नहीं लेता, तब तक स्पष्ट नहीं है कि टोल वसूली कब से शुरू होगी.

झारखंड और बिहार के लिए महत्त्वपूर्ण मार्ग

यह टोल प्लाजा झारखंड और बिहार के बीच यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए अहम साबित होगा. चंदवा-डोभी मार्ग नेपाल की सीमा से सटे बिहार के सोनबरसा तक जाता है. यह मार्ग न केवल इन दो राज्यों को जोड़ता है बल्कि व्यापार और परिवहन के लिए भी महत्त्वपूर्ण है.

स्थानीय जनता पर प्रभाव

टोल टैक्स लागू होने से इस मार्ग से गुजरने वाले स्थानीय वाहन चालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. खासतौर पर चतरा और हंटरगंज जैसे क्षेत्रों के लोगों के लिए, जो इस मार्ग का अक्सर उपयोग करते हैं, यह नई व्यवस्था परेशानी का कारण बन सकती है.

सड़क की मरम्मत और गुणवत्ता सुधार की आवश्यकता

हालांकि, टोल वसूली शुरू होने से पहले इस मार्ग की स्थिति में सुधार किया जाना बेहद जरूरी है. सड़क की जर्जर स्थिति के कारण वाहन चालकों को आए दिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. टोल टैक्स तभी उचित माना जाएगा जब सड़क की गुणवत्ता और सेवाओं को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा.

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