रांची | विशेष संवाददाता | राजधानी रांची के कांके प्रखंड के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 अस्पताल निर्माण को लेकर किसानों और ग्रामीणों का विरोध चरम पर है। रविवार को इस विरोध प्रदर्शन ने नया मोड़ ले लिया, जब दर्जनों आंदोलनकारी ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन का मुखौटा पहनकर खेतों और सड़कों पर उतर आए। सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें किसान हल-बैल के साथ खेत जोतते और शिबू सोरेन का चेहरा लगाकर नारेबाजी करते दिख रहे हैं।
शिबू सोरेन बने आदर्श, ‘जमीन बचाने’ का संकल्प
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जैसे शिबू सोरेन ने अपने संघर्ष से झारखंड के आदिवासियों के हक-हकूक और जंगल-जमीन की रक्षा की थी, वैसे ही वे भी उसी रास्ते पर चलकर अपनी खेती योग्य जमीन को बचाएंगे।
एक किसान ने कहा:
“हमारी मायं-माटी हमारी जान है। इसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। शिबू सोरेन हमारे आदर्श हैं और हम उनके बताए मार्ग पर ही चलेंगे।”
प्रशासन ने लगाया पूरा जोर
प्रशासन ने इस आंदोलन को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी।
- पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को उनके मोरहाबादी आवास पर ही हाउस अरेस्ट कर दिया गया।
- भाजपा की पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर और रामकुमार पाहन को नगड़ी में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया।
- चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को भी डिटेन करने की खबरें सामने आई हैं।
- नगड़ी और आसपास के इलाकों में जगह-जगह बैरिकेडिंग और पुलिस तैनाती की गई।
नगड़ी की जमीन पर क्यों विवाद?
- नगड़ी और आसपास की करीब 227 एकड़ जमीन रिम्स-2 के लिए पहले ही अधिग्रहित की गई थी।
- ग्रामीणों का कहना है कि इतने वर्षों में जमीन पर कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।
- अब जमीन को कांटेदार तारों से घेरकर खेती रोक दी गई है।
आंदोलन की अगली कड़ी
‘नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति’ ने साफ कर दिया है कि यह आंदोलन लंबा चलेगा।
- किसान हल-बैल और धान की रोपनी के जरिये जमीन पर अपने हक का दावा जताते रहेंगे।
- समिति ने आसपास के गांवों के किसानों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों से एकजुट होकर समर्थन देने की अपील की है।