झारखंड में धान बेचने वाले किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब राज्य सरकार किसानों को धान की खरीद पर एकमुश्त भुगतान करने की योजना पर काम कर रही है। वर्तमान व्यवस्था में किसानों को दो किस्तों में भुगतान किया जाता है, जिससे उन्हें लंबे समय तक भुगतान का इंतजार करना पड़ता है।
राज्य सरकार इस स्थिति को सुधारने और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तीन सदस्यीय समिति का गठन कर चुकी है। समिति की सिफारिश के आधार पर आगामी धान खरीद सत्र में नई व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे किसानों को समय पर और पूरा भुगतान मिल सकेगा।
धान खरीद की स्थिति (वर्षवार आँकड़े — टन में)
खरीफ वर्ष | कुल लक्ष्य (टन) | खरीद की गई मात्रा | लक्ष्य के मुकाबले (%) |
2022-23 | 17,16,078 | 8,17,645 | 47.27% |
2023-24 | 17,02,146 | 5,85,003 | 34.37% |
2024-25 | 10,08,660 | 6,87,013 (25 जुलाई तक) | 68.31% |
भुगतान की मौजूदा प्रक्रिया में देरी का कारण
अब तक किसानों को दो किस्तों में भुगतान किया जाता था। पहली किस्त धान बेचने के बाद दी जाती थी और दूसरी किस्त उपज के भंडारण व सत्यापन के बाद। यह प्रक्रिया जटिल होने के कारण भुगतान में महीनों की देरी हो जाती थी। कई बार किसानों को अपनी जरूरी जरूरतें पूरी करने के लिए साहूकारों से उधार लेना पड़ता था।
नई व्यवस्था: किसानों को तुरंत राहत
अब राज्य खाद्य निगम के केंद्रीय निर्देशानुसार, राज्य सरकार धान खरीद के समय पर ही एकमुश्त भुगतान की व्यवस्था लागू करने जा रही है। राज्य खाद्य आपूर्ति मंत्री और सचिव स्तर पर उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। आने वाले खरीफ सत्र में यह नई व्यवस्था लागू हो सकती है।
इसके लिए तीन सदस्यीय समिति में खाद्य आपूर्ति विभाग, राज्य खाद्य निगम और वित्त विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति एक ऐसी प्रणाली विकसित करेगी जिसमें किसानों को बिचौलियों के बिना भुगतान सीधे बैंक खाते में पहुंचेगा।
लक्ष्य और तैयारियां
- धान खरीद का आगामी लक्ष्य: 10 लाख टन
- खरीद केंद्र: 2.37 लाख पंजीकृत किसान
- जिलों की स्थिति: 200 क्विंटल से अधिक उत्पादन करने वाले जिलों को समिति की सिफारिश के आधार पर विशेष रूप से ध्यान में रखा जाएगा।
- केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति टीम ने भी इस प्रस्ताव को प्राथमिकता देने की सलाह दी है।
किसानों की प्रतिक्रिया
कई किसानों ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। किसान संगठनों का कहना है कि अगर एकमुश्त भुगतान की व्यवस्था लागू हो जाती है, तो इससे खेती-किसानी में सुधार होगा, किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और वित्तीय दबाव से राहत मिलेगी।
राज्य सरकार की यह पहल झारखंड के लाखों किसानों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकती है। एकमुश्त भुगतान व्यवस्था न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी बल्कि धान खरीद प्रक्रिया को भी पारदर्शी और सरल बनाएगी। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि आगामी खरीफ सत्र में यह व्यवस्था कितनी प्रभावी तरीके से लागू होती है।