झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड में आम के पेड़ों पर मंजर आ चुके हैं, जिससे किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. इस वर्ष क्षेत्र में लगभग 650 मीट्रिक टन आम के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है. फरवरी के अंतिम सप्ताह में पेड़ों पर मंजर आने लगे हैं, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद बंधी है.
मौसम अनुकूल रहा तो बढ़ेगा उत्पादन
प्रदान संस्था के प्रतिनिधि रवि रंजन और राजू का कहना है कि यदि इस बार मौसम अनुकूल रहा, तो आम की पैदावार में और वृद्धि हो सकती है. किसानों को उम्मीद है कि इस साल आम के बंपर उत्पादन से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.
तोरपा प्रखंड की खास पहचान
तोरपा प्रखंड आम उत्पादन के लिए विशेष पहचान रखता है. यहां परंपरागत और वैज्ञानिक दोनों तरीकों से आम की बागवानी की जाती है. हजारों एकड़ भूमि पर आम के बगीचे फैले हुए हैं, जहां आम्रपाली, मालदा, दशहरी, मलिका और बीजू जैसी विभिन्न किस्मों का उत्पादन किया जाता है.
ओलावृष्टि से हो सकता है नुकसान
हालांकि, हाल ही में हुई ओलावृष्टि ने कई क्षेत्रों में आम के मंजर को नुकसान पहुंचाया है. किसानों का कहना है कि गुरुवार को हुई ओलावृष्टि से तोरपा सहित अन्य इलाकों में आम के मंजर झड़ गए हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है.
कई जिलों और राज्यों तक होती है सप्लाई
तोरपा के आमों की मांग खूंटी, रांची, बोकारो, जमशेदपुर सहित अन्य जिलों में बनी रहती है. इसके अलावा, ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों से भी व्यापारी यहां आकर आम की खरीदारी करते हैं.
1850 एकड़ में फैले हैं आम के बागान
‘बिरसा हरित ग्राम योजना’ के तहत तोरपा प्रखंड के करीब 4,000 किसान आम की खेती कर रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत 1,850 एकड़ से अधिक भूमि पर आम के बगीचे विकसित किए गए हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी का जरिया मिल रहा है.
किसानों की आय में हो रही बढ़ोतरी
प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) नवीन चंद्र झा ने बताया कि ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’ के तहत लगाए गए आम के बगीचे किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहे हैं. यह योजना उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है.