झारखंड प्रदूषण बोर्ड ने केवल चार जिलों में ही 125 डीबी (ए) ध्वनि वाले पटाखों की बिक्री की अनुमति दी है। जिसमें गुमला, चाईबासा, खूंटी और सरायकेला-खरसांवा शामिल है। प्रदूषण बोर्ड के आदेश के अनुसार उन जिलों को ही अधिक क्षमतावाले पटाखों को बेचने की अनुमति मिलेगी, जिनका एयर क्वालिटी इंडेक्स अच्छा या सामान्य हो। बता दें कि राष्ट्रीय मानक में शून्य से 50 AQI वालों को अच्छा और 51 से 100 AQI वालों को सटिस्फैक्ट्री श्रेणी में रखा है। इससे अधिक एक्यूआइ वालों को अनहेल्दी श्रेणी में रखा जाता है। वहीं शुक्रवार को झारखंड के मात्र चार जिलों का ही एक्यूआइ 100 से कम रहा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नयी दिल्ली ने 2020 में ही पर्व में प्रदूषण की मात्रा कम करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिया था। जिसका सभी राज्यों को कड़ाई से पालन करने को कहा गया था. वहीं एनजीटी ने कहा है कि जो भी व्यक्ति या संस्था आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन पर आइपीसी की धारा 188 और वायु प्रदूषण व नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत ठोस कार्रवाई की जाएगी।
इतने देर ही फोड़ सकते पटाखे..
राज्य में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली के दिन मात्र दो घंटे ही पटाखा फोड़ने का अनुमति दि है। आदेश के अनुसार दिवाली के दिन केवल शाम आठ बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखा फोड़ सकते है। वहीं इस आदेश का अनुपालन गुरुपर्व के दिन भी कोय जाएगा। इसके अलावा छठ में सुबह छह से आठ बजे तक ही लोग पटाखा फोड़ सकते हैं। साथ ही क्रिसमस एवं नववर्ष के दिन रात में 11.55 से 12.30 तक पटाखे फोड़ने की अनुमति मिली है।