एकल अभियान के तहत कार्यरत एकल ग्रामोत्थान फाउंडेशन ने सीमावर्ती गांवों और जनजाति क्षेत्रों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में नई पहल की घोषणा की है. यह निर्णय शुक्रवार को रांची के होटल ग्रीन होराइजन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में लिया गया.
अब तक की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ
फाउंडेशन के चेयरमैन लक्ष्मी नारायण गोयल ने बताया कि अब तक 12 लाख किसानों को जैविक खेती और विभिन्न उत्पादों की उपज बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. इसके अतिरिक्त, 11.50 लाख ग्रामीण युवकों और युवतियों को स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण दिया गया है. आगामी वर्ष से, प्रति वर्ष 2.50 लाख ग्रामीण युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया गया है.
कंप्यूटर ऑन व्हील की संख्या बढ़ाने की योजना
गोयल ने कहा कि फाउंडेशन ने अब तक 47 कंप्यूटर ऑन व्हील बसों को देशभर में संचालित किया है. इन बसों में 12 लैपटॉप लगे रहते हैं और इनका उपयोग गांवों में दो महीने तक कंप्यूटर प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है. फाउंडेशन की योजना है कि हर वर्ष 15 से 20 नई बसों को जोड़ा जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा मिल सके.
महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण
फाउंडेशन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि गांवों की महिलाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए. इसके साथ ही, युवाओं को मोबाइल, गाड़ी, टीवी जैसे उपकरण बनाने का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है. इस कार्य के लिए पूरे देश में 218 प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें झारखंड और बिहार में 30 केंद्र शामिल हैं। फाउंडेशन ने इन केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया है.
नक्सलवाद और मतांतरण पर रोक
लक्ष्मी नारायण गोयल ने कहा कि एकल अभियान के कार्यों के कारण कई इलाकों में नक्सलवाद और मतांतरण पर प्रभावी रोक लगी है. फाउंडेशन के कार्यकर्ता ड्रग्स के अवैध व्यापार को रोकने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
एकल विद्यालयों की संख्या और प्रभाव
वर्तमान में देशभर में एक लाख 10 हजार एकल विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जो लगभग चार लाख गांवों में एकल की गतिविधियों से जुड़े हैं. कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में 1200 एकल विद्यालय चल रहे हैं, जहां सभी छात्र और शिक्षक मुस्लिम समुदाय से हैं.