Jhupdate: वर्षों पूर्व बना जामताड़ा जिले में पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन अभी भी छात्र-छात्राओं की राह देख रहा है। संस्थान के खुलने और सरकारी कॉलेज से पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्र इसी इंतजार में बैठे हैं की कब संस्थान में पढ़ाई शुरू हो करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से कटंकी गांव में बना पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से अब बर्बाद होने लगे है।
शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए पदों के सृजन की प्रक्रिया तकनीकी शिक्षा विभाग अभी तक पूरी नहीं कर सका है। वहीं करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से इन पॉलिटेक्निक कॉलेज का संचालन कैसे किया जाय और कैसे कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति हो यह भी विचाराधीन है। जानकारी के मुताबिक पैन आइआइटी एलुमिनी रिच फॉर झारखंड फाउंडेशन को इन कॉलेजों के संचालन की जिम्मेदारी पर अंतिम निर्णय लेने के लिए चयनित किया गया था। जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
आठ कॉलेज अभी भी है बंद….
इन कॉलेजों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ ) की ओर से मान्यता प्रदान कर दी गयी है, लेकिन अब तक कॉलेजों में पढ़ाई शुरू नहीं हो सका है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए इन कॉलेजों में पद सृजन की कार्यवाही चल रही है। शिक्षक 36 व 60 कर्मचारी का पद स्वीकृत किया जाना है। बता दें कि वर्ष 2017 में राज्यभर में आठ ऐसे नये पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन बनकर तैयार है, लेकिन 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक एक भी कॉलेज चालू नहीं हो सका है। भवन निर्माण का जिम्मा झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम को दिया गया थ। 300 विद्यार्थियों के नामांकन को लेकर इस कॉलेज में सीट निर्धारित किया जाना है।
भवन में मतगणना का होता है कार्य…. जामताड़ा के कटंकी में बने पॉलिटेक्निक कॉलेज मतगणना के समय में काम आता है।भवन की साफ-सफाई विभिन्न चुनावों के समय करायी जाती है। मतगणना चलने के समय तक खुला रहता है, बाद में फिर भवन बंद हो जाता है। वहीं कोविड काल के समय इसे कोविड अस्पताल के रूप में रखा गया था, लेकिन उपयोग नहीं किया गया था।