चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में इलाजरत झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई| 111 दिनों तक यानी कि लगभग चार महीने तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है| हालांकि फिलहाल एक हफ्ते वो अभी चेन्नई में ही रहेंगे| उनका परिवार भी उनके पास पहुंच गया है|
बता दें कि कोरोना संक्रमण का असर उनके लंग्स पर पड़ा था जिसके बाद चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया था| जिसके बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ है| हालांकि डॉक्टरों ने अभी भी उन्हें ऐहतियात बरतने की हिदायत दी है| जगरनाथ महतो को फिलहाल गंदगी और एलर्जी वाले स्थान से दूर रहना है| इसके अलावा ज्यादा लोगों से मिलने की भी मनाही है ताकि किसी तरह का संक्रम ण ना हो|
16 फरवरी तक शिक्षा मंत्री के वापस झारखंड लौचटने की बात कही जा रही है| लौटने के बाद वो मंत्रीमंडल में कार्यभार दोबारा से संभालेंगे| माना जा रहा है कि वापस आने के बाद उनके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी होगी| इस कड़ी में पारा शिक्षकों का लंबित मामला भी है|
उधर, तय कार्यक्रम के तहत 10 फरवरी को पारा शिक्षकों के आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है| शिक्षा मंत्री से फोन पर हुई बातचीत में मिले आश्वासन के बाद एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने रविवार को ये आंदोलन वापस लेने का फैसला किया| दरअसल, स्थायीकरण और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर पारा शिक्षक 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने वाले थे |
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने पारा शिक्षकों को ये विश्वास दिलाया है कि झारखंड लौटने के बाद कार्यभार संभालते ही वो सबसे पहले उनकी मांगों पर कार्यवाही करेंगे | साथ ही उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों को स्थायी करने व वेतन उनके वेतन में बढ़ोतरी को लेकर वो शुरुवात से ही सक्रिय रहे हैं। लेकिन इस बीच कोरोना संक्रमित होने तथा गंभीर रूप से बीमार होने के कारण इसमें देरी हो गई है |
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने ये तय किया है कि शिक्षा मंत्री के झारखंड लौटते ही पारा शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात कर सारी समस्याओं पर चर्चा करेगा| इस बातचीत के बाद ही मोर्चा की ओर से आगे की रणनीति तैयार की जाएगी| फिलहाल बजट सत्र के दौरान प्रदर्शन आदि पर विचार किया जाएगा|