ईडी का बड़ा एक्शन: झारखंड और पश्चिम बंगाल में 17 जगहों पर छापेमारी

ईडी की बड़ी कार्रवाई: झारखंड और पश्चिम बंगाल में 17 स्थानों पर मारे छापे, अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ और नकली दस्तावेज बनाने वाले मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का भंडाफोड़

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए छापेमारी की. ये छापेमारी बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े नेटवर्क को उजागर करने के उद्देश्य से की गई है. ईडी की टीम ने अब तक 17 स्थानों पर छापेमारी की और इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और अवैध सामग्री बरामद की.

कैसे हुई ये कार्रवाई?

ईडी ने यह कार्रवाई अवैध घुसपैठ और इस घुसपैठ में उपयोग हो रहे नकली दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए की है. जानकारी के अनुसार, कुछ समय से एजेंसी को पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में अवैध तरीके से बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ और उनके द्वारा भारत में फर्जी दस्तावेज बनाकर बसने की सूचना मिल रही थी. इसके अलावा, इस नेटवर्क द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग यानी गैरकानूनी रूप से पैसे का लेन-देन भी किया जा रहा था. ईडी ने छापेमारी के दौरान जिन जगहों पर कार्रवाई की, वहां से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, नकली पहचान पत्र और अन्य सामग्रियां जब्त की गईं. इस छापेमारी में कई संदिग्ध दस्तावेज भी पाए गए हैं, जिनमें नकली आधार कार्ड, फर्जी पासपोर्ट, अवैध हथियार और नकदी शामिल हैं.

क्या मिला छापेमारी में?

ईडी की इस बड़ी कार्रवाई में जो सामग्रियां बरामद की गई हैं, उनमें निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:

  • नकली दस्तावेज: छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में नकली आधार कार्ड, फर्जी पासपोर्ट और नकली पहचान पत्र बरामद किए गए हैं, जिन्हें अवैध घुसपैठियों द्वारा उपयोग किया जा रहा था.
  • अवैध हथियार: कुछ स्थानों पर छापेमारी के दौरान अवैध हथियार भी मिले हैं, जो अपराध में उपयोग किए जा रहे थे.
  • नकदी और आभूषण: छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी और सोने-चांदी के आभूषण भी जब्त किए गए, जिनका कनेक्शन मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से हो सकता है.
  • प्रिंटिंग मटेरियल्स और मशीनें: फर्जी आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र बनाने के लिए प्रिंटिंग मशीनें, प्रोफॉर्मा और अन्य सामग्री भी बरामद की गई है.

अवैध घुसपैठ के पीछे का नेटवर्क

प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि यह अवैध गतिविधियां एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से लोगों को घुसपैठ करवा कर उन्हें पहचान पत्र प्रदान करता है. इस नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए गैरकानूनी ढंग से पैसे की हेराफेरी करना भी है. इस गिरोह के द्वारा फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेजों का निर्माण किया जा रहा है ताकि घुसपैठिए भारत में कानूनी तौर पर रह सकें. इसके साथ ही, इनके द्वारा बनाई गई संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, जो यह दर्शाता है कि ये लोग भारत में स्थायी रूप से बसने की कोशिश कर रहे हैं.

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

ईडी ने इस छापेमारी के जरिए कई महत्वपूर्ण सुराग जुटाए हैं, जिनके आधार पर आगे की जांच जारी है. प्रवर्तन निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन से लोग शामिल हैं और इस नेटवर्क का दायरा कितना बड़ा है.

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