रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम मंगलवार को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार पहुंची। ईडी की यह कार्रवाई झारखंड में टेंडर कमीशन घोटाला और रांची जमीन घोटाले से जुड़ी जांच के तहत हुई। सूत्रों के मुताबिक, ईडी अधिकारियों ने पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और उनके निजी सचिव संजीव लाल से पूछताछ की। दोनों पर टेंडर पास करवाने के एवज में कथित रूप से कमीशन लेने के आरोप हैं।
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इसके साथ ही ईडी ने रांची के कांके इलाके में जमीन हड़पने से जुड़े ईसीआईआर संख्या 5/24 के एक अहम गवाह प्रवीण जायसवाल से भी जेल में पूछताछ की। प्रवीण जायसवाल के बयान के आधार पर ही कांके अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी दिवाकर प्रसाद द्विवेदी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।
ईडी ने पहले प्रवीण को 28 मार्च को समन जारी कर एजेंसी के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि, इससे पहले ही 19 मार्च को कांके पुलिस ने जमीन फर्जीवाड़े से जुड़े एक अन्य केस में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
प्रवीण जायसवाल से पूछताछ के लिए ईडी ने विशेष अदालत से अनुमति प्राप्त की थी, जिसके बाद टीम जेल पहुंची और बयान दर्ज किया। ईडी की यह कार्रवाई झारखंड में जारी कई बड़े भ्रष्टाचार मामलों में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी आने वाले दिनों में इस मामले में और भी आरोपियों से पूछताछ कर सकती है। मामले में कई वरिष्ठ अधिकारी और रसूखदार लोग जांच के घेरे में आ सकते हैं।