झारखंड सरकार आगामी 3 मार्च को विधानसभा में अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करेगी। इससे पहले आज आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में चालू वित्तीय वर्ष के जीएसडीपी में 8.8 प्रतिशत के वृद्धि का अनुमान किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य बेहतर मानसून, सुधारों और विभिन्न योजनाओं के साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बृहस्पतिवार को राज्य का आम बजट पेश करने से एक दिन पूर्व विधानसभा में 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सभा के पटल पर रखी। इसमें अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में स्थिर दरों पर राज्य की वृद्धि दर 8.8 रहेगी जबकि आगामी वित्त वर्ष में इसके 6.15 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
इससे पहले फिर 2004 – 2005 से 2011 के बीच 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। वर्ष 2011 – 12 से 2018 – 19 के बीच 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। पिछले दो वर्ष में 2019 – 20 और 2020 – 21 में विकास दर में गिरावट आई है। इस दौरान भारतीय अर्थ व्यवस्था और और झारखंड़ की अर्थव्यवस्था दोनों में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य के जीएसडीपी के 4.7 प्रतिशत तक अनुबंधित होने का अनुमान है । राज्य की अर्थव्यवस्था के तीन प्रमुख क्षेत्रों में तृतीयक क्षेत्र 2011 – 12 और 2019 – 20 के बीच अवधि में सबसे तेज दर से बढ़ा है।
बजट से पहले पेश होता रहा है आर्थिक सर्वेक्षण..
संसदीय परंपरा के अनुसार, बजट पेश करने से पहले सदन में सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। इसमें आने वाले बजट की झलक भी नजर आती है। इससे पता चलता है कि सरकार बजट में क्या क्या करने वाली है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति कैसी है। किन योजनाओं पर सरकार अगले वर्ष विशेष रूप से काम करने वाली है।
उल्लेखनीय है कि इस बार झारखंड बजट पर हर किसी की निगाह टिकी हुई है। हेमंत सोरेन सरकार ने कई घोषणाएं कर रखी है, लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि बजट में किस योजना के लिए कितनी राशि का प्रविधान सरकार करने वाली है। किस विभाग को कितनी राशि आवंटित होने वाली है। सरकार क्या क्या तोहफे दे सकती है।