रांची। राजधानी रांची में गुरुवार को आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय अंतरराज्यीय परिषद (Eastern Zonal Council) की 27वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अध्यक्षता की। शहर के एक प्रतिष्ठित होटल में हुई इस बैठक में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच अंतरराज्यीय समन्वय को मजबूत करने के लिए कुल 20 अहम एजेंडों पर चर्चा हुई।
बैठक में शामिल हुए चारों राज्यों के बड़े चेहरे
बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा और मंत्री मुकेश महालिंग, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री विजय चौधरी, पश्चिम बंगाल की ओर से वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के साथ चारों राज्यों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
झारखंड सरकार की ओर से विभिन्न विषयों पर राज्य का पक्ष रखने के लिए 15 वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की टीम बैठक में शामिल हुई।
जल विवाद और विकास योजनाएं मुख्य एजेंडे में
बैठक में जिन अहम विषयों पर चर्चा हुई, उनमें शामिल हैं:
झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच मयूराक्षी डैम जल विवाद।
अपर महानंदा जल योजना के तहत फुलबाड़ी डैम की लागत साझा करने का मुद्दा।
बिहार के इंद्रपुरी जलाशय परियोजना का निर्माण।
व्यापक गाद प्रबंधन नीति पर सहमति।
राज्यों में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट और पोक्सो मामलों के शीघ्र निपटारे की स्थिति।
बीएसएफ बटालियन की स्थापना में जमीन अधिग्रहण की बाधाओं को दूर करना।
झारखंड की केंद्र पर 1.36 लाख करोड़ की दावेदारी
सूत्रों के अनुसार, झारखंड सरकार ने बैठक में केंद्र सरकार पर लंबित ₹1.36 लाख करोड़ की राशि की दावेदारी दोहराई। इसके साथ ही मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रुकी हुई राशि को जल्द जारी करने की मांग की गई।
बिहार-झारखंड के बीच लंबित संपत्ति और पेंशन विवाद
बैठक में बिहार और झारखंड के बीच राज्य विभाजन के बाद से लंबित चल रहे संपत्ति और दायित्वों के बंटवारे पर भी चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के महालेखाकारों को पेंशन दायित्व के वास्तविक आंकड़े प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। दोनों राज्यों के बीच पेंशन राशि के भुगतान और प्राप्ति में असहमति इस विवाद की मुख्य वजह बनी हुई है।