रांची : राजधानी में दिन प्रतिदिन ठंड बढ़ती जा रही है। रात में घर से निकलते ही सिरहन पैदा करने वाली ठंड लोगों को लगती है । जब जागरण समदाता ने रविवार की रात को रिम्स परिसर की पड़ताल की तो पाया की इसी ठंड में बोकारो की पारो देवी रिम्स परिसर में अपने बेटे के साथ जमीन पर सोकर रात गुजार रही है। रिम्स के रैन बसेरा को सिर्फ 50 रुपया नहीं दे पाने के कारण फर्श पर पारो देवी को सोना पर रहा हैं । पारो देवी का कहना है कि बेटे को जन्म से ही ब्रेन में समस्या है। इसको लेकर रिम्स में बीते 11 वर्षों से इलाज चल रहा है। बेटे का इलाज कराने के पारो देवी जब भी रिम्स आती है, पैसा बचाने के लिए फर्श पर ही सोकर रात गुजारती है। बीते 11 वर्ष से इलाज के खर्चे में उनकी माली हालत खराब हो गई है। भर्ती न होने के कारण बीमार बेटे को भी उनके साथ ही फर्श पर सोना पड़ रहा है । इसके अलावा रिम्स परिसर में दर्जनों लोग चद्दर कंबल तानकर फर्श पर रात गुजर रहे है । लोगों का कहना है कि रैन बसेरा में जगह न होने के कारण फर्श पर सोना पड़ रहा है। रैन बसेरा में जाने पर कोई भी नहीं मिलता है। मैनेजर के दरवाजे पर ताला लटका हुआ है। फोन करने पर मैनेजर ने फोन भी नहीं उठाया। रैन बसेरा में लाइट की भी व्यवस्था नहीं है। सभी कमरों के दरवाजे बंद मिले। किसी में बाहर से ताला लटका मिला तो कोई अंदर से बंद।
निगम के आश्रय गृह में भी बेड फुल, एक बिस्तर पर सो रहे तीन लोग..
वही नगर निगम के आश्रय गृह में भी बेड फूल था। एक बेड पर तीन-तीन लोग सोकर रात गुजर रहे थे। शहर के अन्य इलाकों में भी सड़क किनारे लोग सोए हुए मिले। बड़ा तालाब के पास दो लोग सड़क किनारे स्लैब पर सोकर रात गुजर रहे थे।