रांची: झारखंड सरकार द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (DSPMU) का नाम बदलकर वीर शहीद बुधु भगत विश्वविद्यालय रखने के ऐतिहासिक निर्णय का जोरदार स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय परिसर में आदिवासी छात्र संघ (ACS) की अगुवाई में इस मौके को उत्सव के रूप में मनाया गया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर मिठाइयों का वितरण हुआ और पूरे परिसर में उल्लास का माहौल दिखाई दिया।
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ACS-DSPMU इकाई के अध्यक्ष विवेक तिर्की ने इस निर्णय को केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी बुधु भगत को सच्ची श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने कहा, “यह क्षण वर्षों के संघर्ष और जनएकता की सफलता का प्रतीक है।”
वहीं ACS के केंद्रीय मीडिया प्रभारी सुमित उरांव ने इसे आदिवासी चेतना और झारखंडी अस्मिता की ऐतिहासिक जीत करार दिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला उन तमाम साथियों को समर्पित है जिन्होंने आठ वर्षों तक इस मांग को लेकर संघर्ष किया। झारखंड सरकार और राज्य कैबिनेट द्वारा जनभावनाओं का सम्मान किए जाने पर उन्होंने आभार व्यक्त किया।
ACS रांची विश्वविद्यालय अध्यक्ष मनोज उरांव ने कहा, “बुधु भगत जैसे वीर सपूत के नाम पर विश्वविद्यालय समर्पित होना नई पीढ़ी को उनके संघर्ष और बलिदान से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगा। यह निर्णय हमारी सांस्कृतिक जड़ों को और मज़बूत करेगा।”
इस अवसर पर झारखंड सरकार, राज्य कैबिनेट और स्थानीय विधायक विकास सिंह मुंडा को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ फैकल्टी, स्टाफ, सफाईकर्मी और सुरक्षा गार्ड्स ने भी भाग लिया।
मुख्य सहभागियों में विवेक तिर्की, मनोज उरांव, सुमित उरांव, दीपा कच्छप, अमित टोप्पो, आलोक तिर्की, बिंजल मिंज, अंजलि बड़ा, दिनेश उरांव, सीताराम उरांव, सुजीत बैथा, सोनी उरांव, कृष्णा हांसदा, खुशबू मिंज, अशोक उरांव, राजू व राजकुमार मुर्मू, सुमन, पुष्पा, अनीशा, बिनिता, राहुल कुजूर, रामबृत, सुनीता, फूलमनी, रोहित, वंदना, सिकंदर होन्होगा समेत सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
इस निर्णय को लेकर पूरे राज्य में खुशी की लहर है और इसे झारखंड के सांस्कृतिक गौरव और स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान के प्रति सम्मान के रूप में देखा जा रहा है।