जमशेदपुर और मजदूरों की भलाई पर डॉ. मनमोहन सिंह हमेशा रहे चिंतित: बी. मुथुरमण….

टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) बी. मुथुरमण ने डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए बताया कि उनका व्यक्तित्व बेहद साधारण और विनम्र था. उन्होंने कहा कि जब भी वे डॉ. मनमोहन सिंह से मिले, उन्होंने हमेशा जमशेदपुर और टाटा स्टील के मजदूरों की स्थिति के बारे में पूछा. टाटा स्टील के शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान, जब डॉ. मनमोहन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, बी. मुथुरमण ने उनसे कई बार मुलाकात की.

टाटा स्टील के शताब्दी वर्ष समारोह में डॉ. मनमोहन सिंह

साल 2007 में टाटा स्टील अपनी 100वीं वर्षगांठ मना रही थी. इस ऐतिहासिक अवसर पर कंपनी ने कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. इस आयोजन के समय बी. मुथुरमण टाटा स्टील के एमडी थे. उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह को न्योता देने के लिए वे खुद दिल्ली गए थे. डॉ. सिंह से मुलाकात को याद करते हुए मुथुरमण ने कहा कि उन्होंने बहुत ही सहजता और सहर्ष इस निमंत्रण को स्वीकार किया. बातचीत के दौरान डॉ. सिंह ने कहा कि जिस कंपनी ने हजारों लोगों को रोजगार दिया है, उसके 100 साल पूरे होने के इस महत्वपूर्ण अवसर पर शामिल होना उनके लिए गर्व की बात होगी.

जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का जिक्र

डॉ. मनमोहन सिंह को न्योता देते समय मुथुरमण ने उन्हें बताया था कि टाटा स्टील की सिल्वर जुबिली के समय देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसके बाद कंपनी की गोल्डन जुबिली में इंदिरा गांधी बतौर प्रधानमंत्री शामिल हुई थीं. मुथुरमण ने उनसे आग्रह किया कि शताब्दी वर्ष में डॉ. सिंह भी जमशेदपुर आएं और इस ऐतिहासिक अवसर की शोभा बढ़ाएं. डॉ. सिंह ने इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा, “एक ऐसी कंपनी जिसने देश के हजारों लोगों को रोजगार दिया और औद्योगिक विकास में योगदान दिया, उसके कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी”.

जमशेदपुर के मजदूरों के प्रति चिंता

बी. मुथुरमण ने बताया कि जब-जब उनकी डॉ. सिंह से मुलाकात हुई, उन्होंने हमेशा टाटा स्टील और जमशेदपुर के मजदूरों के हालात के बारे में पूछा. यह दिखाता है कि डॉ. सिंह को न केवल औद्योगिक विकास की गहरी समझ थी, बल्कि वे मजदूरों की स्थिति और उनकी भलाई को लेकर भी गंभीर थे. उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह ने टाटा स्टील द्वारा क्षेत्र में रोजगार और विकास में किए गए योगदान की सराहना की. उनका कहना था कि टाटा स्टील ने देश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसे एक मिसाल के रूप में देखा जाना चाहिए.

साधारण और विनम्र व्यक्तित्व

डॉ. मनमोहन सिंह के व्यक्तित्व को याद करते हुए मुथुरमण ने कहा कि उनकी सादगी और विनम्रता ने हमेशा प्रभावित किया. “जब उनसे बात होती थी, तो ऐसा कभी नहीं लगा कि मैं देश के प्रधानमंत्री से बात कर रहा हूं. उनका व्यवहार हमेशा बेहद आत्मीय और सरल था,” मुथुरमण ने कहा. उन्होंने आगे बताया कि वे डॉ. सिंह से कई बार दिल्ली में भी मिले. हर बार उनकी गहरी जानकारी और सहृदयता ने उन्हें प्रभावित किया. डॉ. सिंह के साथ बातचीत का हर अनुभव प्रेरणादायक था.

कार्यक्रम में सभी से आत्मीयता से मिले

जब डॉ. सिंह टाटा स्टील के शताब्दी समारोह में शामिल हुए, तो उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति से आत्मीयता के साथ मुलाकात की. उनकी उपस्थिति ने पूरे कार्यक्रम को यादगार बना दिया मुथुरमण ने कहा कि डॉ. सिंह ने न केवल कार्यक्रम में हिस्सा लिया, बल्कि उन्होंने जमशेदपुर के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनशीलता भी जाहिर की.

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