अस्पताल में बेड न मिलने से हुई डॉ. गोंझू की मौत, मुख्यमंत्री ने जताया शोक..

गुरुवार को रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय क्षेत्रीय भाषा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. गिरधारी राम गोंझू का निधन हो गया। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार की सुबह डॉ. गोंझू को सांस लेने में कठिनाई होने लगी जिसके उपरांत उनके परिजन उन्हें लेकर सुबह नौ बजे से शाम 4 बजे तक राजधानी के अस्पतालों में चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी भी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद शाम 4 बजे उन्हें रिम्स के इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया। वहां रिम्स के चिकित्सकों ने जांच के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों द्वारा डेथ सर्टिफिकेट की मांग करने पर चिकित्सकों ने कहा कि उनकी मौत रास्ते में ही हो गयी थी। साथ ही पोस्टमार्टम के बाद डेथ सर्टिफिकेट देने की बात कही गयी। हालांकि इस प्रक्रिया में भी दो से तीन घंटे लग गए।

अस्पताल प्रबंधन की अव्यवस्था से दुखी हो कर दिवंगत डॉ. गोंझू के परिजन उनके पार्थिव शरीर घर ले आये। शुक्रवार को खूंटी स्थित उनके पैतृक गांव बेलवादाग में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

दिवंगत गिरधारी राम गोंझू के पुत्र ज्ञानोत्तम ने बताया कि अपने पिता को लेकर वे सुबह तकरीबन 9 बजे सेवा सदन पहुंचे। वहां बेड की उपलब्धता ना होने की वजह से उन्हें एडमिट करने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद वे डॉ. गोंझू को लेकर राज अस्पताल, आर्किड, सेवेन डे, गुरुनानक अस्पताल, मेडिका, सैमफोर्ड, सेन्टेवीटा और हरमू अस्पताल गए। लेकिन हर जगह बेड न होने के कारण उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। अंततः उन्हें रिम्स ले जाने की बात सोची गई। रिम्स के चिकित्सकों से बात करने पर जवाब मिला कि यदि एम्बुलेंस से ले कर आएंगे तभी मरीज़ को देखा जाएगा।

एम्बुलेंस को फ़ोन लगाने पर एम्बुलेंस चालक ने कहा कि पहले कोरोना जांच कराएं तभी मरीज़ को अस्पताल ले जाएंगे। किसी तरह अरगोड़ा चौक पहुंच कर उनकी कोरोना जांच कराई गयी जिसमे उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी। रिपोर्ट मिलने के बाद एम्बुलेंस को बुलाया गया और रिम्स पहुंच कर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उन्हें भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों द्वारा उनके मृत्यु की पुष्टि की गई।

गौरतलब है राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। संक्रमण की चपेट में आए मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में अस्पतालों में बेड न मिलने से मरीजों की मौत भी हो रही है। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने भी स्वास्थ्य विभाग को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डॉ. गोंझू के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ गिरधारी राम गौंझू के निधन से आहत हूं। उन्होंने राज्य की नागपुरिया संस्कृति, नृत्य, गीतों पर किताब लिख कर स्थानीय विरासत और पहचान को सहेजने का काम किया था। झारखंड उनके योगदान को सदैव याद रखेगा। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें”