झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सत्ता में प्रभावी वापसी के बाद अब संगठन की ताकत का प्रदर्शन करने जा रहा है। पार्टी का स्थापना दिवस इस बार 2 फरवरी को उप-राजधानी दुमका में बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा। यह आयोजन पार्टी के लिए न केवल जश्न का अवसर होगा, बल्कि संगठन को मजबूती देने और अपने कोर एजेंडे को दोहराने का भी मंच बनेगा।
भव्य आयोजन की तैयारी
इस बार झामुमो अपने स्थापना दिवस को पहले से कहीं अधिक भव्य रूप से मनाने की तैयारी कर रहा है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे पूरे जोश और प्रतिबद्धता के साथ कार्यक्रम में भाग लें। स्थापना दिवस के मंच से पार्टी नेतृत्व उन मुद्दों पर जोर देगा, जो झारखंड की राजनीति और झामुमो की विचारधारा के केंद्र में हैं, जिनमें स्थानीयता, आदिवासी अधिकार और संसाधनों पर हक प्रमुख हैं।
पिछले साल पड़ा था असर
गौरतलब है कि पिछले वर्ष झामुमो का स्थापना दिवस उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो पाया था। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की 31 जनवरी 2024 को ईडी द्वारा गिरफ्तारी के कारण पार्टी के अंदर अस्थिरता का माहौल बन गया था। हालांकि, इस कठिन दौर से निकलते हुए झामुमो ने सत्ता में मजबूती से वापसी की।
हेमंत सोरेन की वापसी और नेतृत्व परिवर्तन
गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने अपने विश्वस्त सहयोगी चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, पांच महीने बाद जब वे जेल से बाहर आए, तो पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन हुआ और हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान झामुमो ने संगठन को एकजुट बनाए रखा और सत्ता में अपना प्रभुत्व बनाए रखने में सफल रहा।
संघठन को मिलेगी नई दिशा
इस बार का स्थापना दिवस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि झामुमो के नेता और कार्यकर्ता इसे नई ऊर्जा और संकल्प के साथ मना रहे हैं। हेमंत सोरेन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पार्टी को अब संगठन और सत्ता दोनों स्तरों पर मजबूती दिखानी होगी। कार्यकर्ताओं को न केवल पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाना होगा, बल्कि जनसमर्थन को भी और सशक्त करना होगा। झामुमो का यह शक्ति प्रदर्शन न केवल संगठन की मजबूती को दर्शाएगा, बल्कि झारखंड की राजनीतिक फिजा में भी इसकी महत्वपूर्ण गूंज सुनाई देगी।