शिक्षा विभाग ने जिले के 15 पीएम-श्री स्कूलों में अगले शैक्षणिक सत्र से लैब और स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए 12 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजा गया है. इस पहल का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है.
आधुनिकीकरण का उद्देश्य
जिले के 15 पीएम-श्री स्कूलों का चयन किया गया है, जहां जुलाई के अंत तक इन स्कूलों के नामों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास, आधुनिक प्रयोगशालाएं, खेल मैदान, विज्ञान प्रयोगशालाएं, और छात्रों-छात्राओं के लिए अन्य सुविधाएं शामिल होंगी. इस योजना के तहत छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया जाएगा.
परियोजना निदेशक की पहल
राज्य परियोजना निदेशक ने सभी चयनित स्कूलों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि अगले सत्र से इन स्कूलों में लैब और स्मार्ट क्लास की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. सभी स्कूलों को इस दिशा में आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि छात्र नई सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठा सकें.
स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं
इस योजना के तहत, जिले के 12 हजार छात्रों को डिजिटल शिक्षा का लाभ मिलेगा. स्मार्ट क्लास के माध्यम से, छात्रों को डिजिटल सामग्री और इंटरएक्टिव लेक्चर का अनुभव मिलेगा. विज्ञान प्रयोगशालाएं छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और अनुसंधान में मदद करेंगी. खेल मैदान और अन्य गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान दिया जाएगा.
बजट और योजना
12 करोड़ रुपये की इस योजना में, प्रत्येक स्कूल को आवश्यक तकनीकी उपकरण और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. इसका एक बड़ा हिस्सा स्कूलों में नई तकनीक और उपकरणों की स्थापना के लिए निर्धारित किया गया है. इसके अलावा, शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे स्मार्ट क्लास और लैब का सही उपयोग कर सकें.
प्रभाव और लाभ
इस योजना से छात्रों को आधुनिक शिक्षा का लाभ मिलेगा और उनकी शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा. यह पहल छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी. स्मार्ट क्लास के माध्यम से, छात्रों को डिजिटल युग के साथ कदमताल करने का अवसर मिलेगा.
स्कूल प्रशासन की भूमिका
स्कूल प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि नई सुविधाओं का उपयोग प्रभावी तरीके से हो और छात्रों को अधिकतम लाभ मिले. इसके लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे स्मार्ट क्लास और लैब का सही उपयोग कर सकें. इसके अलावा, स्कूल प्रशासन को यह भी देखना होगा कि छात्रों को नई सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी हो और वे उनका सही तरीके से उपयोग करें.
अगले कदम
राज्य परियोजना निदेशक ने स्पष्ट किया है कि अगले कुछ दिनों में सभी स्कूलों को विस्तृत दिशा-निर्देश भेजे जाएंगे. इसके साथ ही, नई सुविधाओं की स्थापना का काम भी जल्द ही शुरू किया जाएगा. सभी स्कूलों को इस योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं का सही उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.