जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग पर 5 लाख युवाओं का डिजिटल आंदोलन….

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा 21 और 22 सितंबर को आयोजित की गई सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर आंदोलन जारी है. इस मामले में युवाओं ने रविवार को डिजिटल आंदोलन का सहारा लिया और सोशल मीडिया पर अभियान चलाया. इस अभियान को छात्रों का भारी समर्थन मिला, और शुरुआती एक घंटे में ही एक लाख से अधिक युवाओं ने इस आंदोलन का समर्थन किया. देर शाम तक यह आंकड़ा पांच लाख तक पहुंच गया. इस डिजिटल आंदोलन का नेतृत्व झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो कर रहे थे. इस आंदोलन में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने भी समर्थन दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को गंभीरता से लेना चाहिए और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. सोमवार को राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों (डीसी) को इस संदर्भ में मांग पत्र सौंपे जाएंगे, जिसमें परीक्षा रद्द करने की मांग की जाएगी.

सोशल मीडिया पर जोरदार समर्थन

परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर युवाओं ने सोशल मीडिया पर “#cancel_jssc_cgl” ट्रेंड शुरू किया. इस ट्रेंड के तहत 5 लाख से अधिक पोस्ट किए गए. ट्विटर पर यह ट्रेंड तेजी से वायरल हो गया और पूरे देश में इस पर चर्चा होने लगी. आंदोलन के दौरान झारखंड के छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी और सीजीएल परीक्षा को रद्द करने की मांग को मजबूती से उठाया.

आयोग ने दिए साक्ष्य जमा करने के निर्देश

गड़बड़ियों के आरोपों पर आयोग ने भी अभ्यर्थियों को अंतिम अवसर दिया है कि वे सोमवार 3 बजे तक पेन ड्राइव में साक्ष्य जमा करें. आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर निर्धारित समय तक साक्ष्य नहीं मिले, तो उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एकतरफा फैसला लिया जाएगा. इससे पहले अभ्यर्थियों ने आयोग को दो बार सीडी के रूप में साक्ष्य सौंपे थे, लेकिन आयोग ने कहा कि दोनों सीडी ब्लैक हैं, जिससे जांच प्रक्रिया में बाधा आ रही है. इस बार आयोग ने मुख्य साक्ष्यों को पेन ड्राइव में जमा करने के निर्देश दिए हैं ताकि निष्पक्ष जांच हो सके.

सत्याग्रह और आंदोलन जारी

रविवार को बापू वाटिका में छात्रों का सत्याग्रह भी जारी रहा. छात्र नेता सफी इमाम ने कहा कि झारखंड में कई नियुक्ति परीक्षाओं की सीबीआई जांच चल रही है, लेकिन अभी तक किसी भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सीजीएल परीक्षा में भी गड़बड़ियों के स्पष्ट सबूत मिले हैं, फिर भी आयोग इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले रहा है. आंदोलन में प्रमुख रूप से सफी इमाम, शेख मोहसीन, कहकशां कमाल, पंकज मिश्रा, चंदन कुमार, राजेश ओझा, योगेश भारती सहित कई अन्य छात्र नेता शामिल थे.

छात्र अदालत की तैयारी

सीजीएल परीक्षा और युवाओं की अन्य समस्याओं को लेकर अब एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है. 13 अक्टूबर से मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका में “छात्र अदालत” का आयोजन किया जाएगा. इसमें राज्य के 81 विधायक और 20 सांसदों को आमंत्रित किया जाएगा. छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो ने बताया कि इस अदालत में राज्य के हर जिले से 11 छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता, प्रोफेसर और नेता भाग लेंगे. इन जनप्रतिनिधियों से सीधे सवाल पूछे जाएंगे. इस छात्र अदालत में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और जेएसएससी के चेयरमैन को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि वे छात्रों की समस्याओं का सीधा उत्तर दे सकें. इस अदालत में युवाओं की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा होगी, और इसके माध्यम से छात्रों को एक मंच मिलेगा जहां वे अपनी समस्याओं को सीधे विधायकों और सांसदों के सामने रख सकेंगे.

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