धनबाद रेलवे स्टेशन ने अपनी रैंकिंग को बरकरार रखते हुए एक बार फिर साबित कर दिया है कि उसकी बादशाहत कायम है. एनएसजी-2 (नॉन सबअर्बन ग्रेड-2) श्रेणी में शामिल धनबाद रेलवे स्टेशन ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 205 करोड़ रुपये की आय के साथ रेलवे को भारी मुनाफा दिलाया है. भारतीय रेलवे ने देशभर के 8809 स्टेशनों की कैटगरी का पुनर्निर्धारण किया है, जिसमें यात्री संख्या और आय को आधार बनाया गया है. इस नए वर्गीकरण के तहत धनबाद ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखा है.
कैटगरी निर्धारण और नए नियम:
भारतीय रेलवे ने नए नियमों के तहत देश के सभी रेलवे स्टेशनों की श्रेणियों का पुनर्निर्धारण किया है. इसमें यात्री संख्या और स्टेशन से होने वाली आय को मुख्य मानक बनाया गया है. एनएसजी-2 श्रेणी में देश के कुल 113 स्टेशन शामिल किए गए हैं, जिसमें धनबाद भी अपनी जगह बनाए हुए है. इसके साथ ही झारखंड के रांची और देवघर के जसीडीह रेलवे स्टेशनों ने भी एनएसजी-3 से छलांग लगाकर एनएसजी-2 श्रेणी में प्रवेश कर लिया है. नए वर्गीकरण के अनुसार, रेलवे इन स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बना रहा है, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिल सकें.
धनबाद की आय और यात्री संख्या:
धनबाद रेलवे स्टेशन ने आरक्षित और अनारक्षित दोनों श्रेणियों में यात्रियों की अच्छी-खासी संख्या दर्ज की है. आरक्षित श्रेणी में कुल 22,63,478 यात्रियों की संख्या के साथ 162.20 करोड़ रुपये की आय हुई है, जबकि अनारक्षित श्रेणी में 53,51,409 यात्रियों से 43.25 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. कुल मिलाकर, धनबाद रेलवे स्टेशन ने 76,14,887 यात्रियों की सेवा करते हुए 205.45 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है. यह आंकड़े बताते हैं कि धनबाद स्टेशन न केवल यात्रियों की संख्या में बल्कि आय के मामले में भी लगातार बढ़ रहा है.
अन्य स्टेशनों की रैंकिंग:
धनबाद के अलावा, झारखंड के अन्य प्रमुख स्टेशनों ने भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है. गोमो रेलवे स्टेशन, जिसने 12 लाख 31,242 यात्रियों के साथ 15.21 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, एनएसजी-5 से एनएसजी-4 श्रेणी में पहुंच गया है. पारसनाथ रेलवे स्टेशन ने भी अपनी स्थिति में सुधार करते हुए 6 लाख 31,487 यात्रियों और 29.87 करोड़ रुपये की आय के साथ एनएसजी-4 से एनएसजी-3 श्रेणी में स्थान पाया है. रांची रेलवे स्टेशन ने 76 लाख 89,423 यात्रियों के साथ 273.86 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जिससे यह एनएसजी-3 से एनएसजी-2 श्रेणी में पहुंच गया. इसी तरह, टाटा रेलवे स्टेशन ने 65 लाख 71,156 यात्रियों के साथ 194.94 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जिससे उसकी एनएसजी-2 रैंकिंग बरकरार रही. जसीडीह रेलवे स्टेशन ने 60 लाख 62,987 यात्रियों और 136.70 करोड़ रुपये की आय के साथ एनएसजी-3 से एनएसजी-2 श्रेणी में अपनी जगह बना ली है.
स्टेशन श्रेणीकरण की प्रक्रिया:
रेलवे स्टेशन का वर्गीकरण हर पांच साल में किया जाता है. 2018 के बाद इस बार का वर्गीकरण वर्ष 2023-24 के आंकड़ों के आधार पर किया गया है. इसमें सामान्य और आरक्षित यात्रियों की संख्या और उनसे हुई आय को आधार बनाकर श्रेणियों का निर्धारण किया गया है. इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और स्टेशनों की आय को बढ़ाना है.
यात्री सुविधाओं का विस्तार:
नए सिरे से कैटगरी निर्धारण के बाद रेलवे ने एनएसजी-2 श्रेणी के स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई है. इसमें प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाना, स्वच्छता सुविधाओं में सुधार, वेटिंग एरिया का विस्तार और आधुनिक टिकट बुकिंग सुविधाएं शामिल हैं. रेलवे का लक्ष्य है कि इन स्टेशनों पर यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके और स्टेशन के आय के स्रोतों में भी वृद्धि हो.
धनबाद की बादशाहत:
धनबाद रेलवे स्टेशन की लगातार ऊंची रैंकिंग और आय में बढ़ोतरी इस बात का प्रमाण है कि यह स्टेशन यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है. स्टेशन की बेहतरीन सेवा, स्वच्छता और यात्री सुविधाओं ने इसे एनएसजी-2 श्रेणी में बनाए रखा है. रेलवे के इस कदम से न सिर्फ धनबाद बल्कि पूरे झारखंड के स्टेशनों की छवि को भी सुधारने में मदद मिली है.
आगे की योजना:
रेलवे ने आगे की योजना में इन स्टेशनों पर आधारभूत संरचना को और बेहतर बनाने का निर्णय लिया है. रेलवे बोर्ड के अनुसार, स्टेशनों पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी. इनमें एस्केलेटर, लिफ्ट, डिजिटल सूचना प्रणाली, और हाई-स्पीड वाईफाई जैसी सुविधाएं शामिल होंगी. इसके अलावा, प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने और पार्किंग सुविधाओं में सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.