डेको आउटसोर्सिंग द्वारा पेटी कांट्रेक्ट पर चलाया जा रहा बांसजोड़ा साकार मास आउटसोर्सिंग कंपनी पर देर रात बमबारी और गोलीबारी शुरू हो गई घटना की जानकारी मिलते ही लोयाबाद पुलिस टीम रात में ही मौके पर पहुंची और छानबीन किया. घटनास्थल से एक गोली, एक खोखा और बम की सुतली बरामद हुई है. घटना के बाद सुबह आउटसोर्सिंग के मजदूरो ने सुरक्षा की मांग करते हुए काम बंद कर दिया और घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. पुलिस और आउटसोर्सिंग प्रबंधन के द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद मजदूर काम पर वापस लौटे.
विस्तार में पूरा मामला
बांसजोड़ा साकार मास आउटसोर्सिंग कंपनी जो कि अभी डेको आउटसोर्सिंग द्वारा पेटी कांट्रेक्ट पर चलाया जा रहा है. तृतीय पाली मे रात्री करीब 1 बजे चार मोटरसाइकिल पर सवार नौ नकाबपोश अपराधी आउटसोर्सिंग के व्यू प्यांट पर आते ही बम फेंकना शुरू कर दिया. अपराधियों ने करीब एक दर्जन बम विस्फोट और गोलीबारी की. बम के धमाके और गोलियों की भयंकर तड़तड़ाहत से घटनास्थल पर अफरा तफरी मच गई. सब अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे.
बाल-बाल बचे कर्मचारी
मामले मे साकार मास आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मी जयशंकर शर्मा ने लोयाबाद पुलिस से कंपनी का काम बंद करवाने के लिए 9 अपराधियो के खिलाफ माइंस के व्यू प्यांट मे 8-10 बम विस्फोट करने और दो राउंड गोली चलाने की लिखित शिकायत दर्ज की है. उन्होने बताया है कि घटना मे तीसरी पाली के शिफ्ट इंचार्ज गौतम महतो उस वक्त कार्यरत थे जब नकाबपोशों ने अचानक कंपनी के ऊपर गोलीबारी और बम फेंकना शुरू कर दिया जिसमें वो बाल बाल बचे और जाते-जाते कंपनी को मैनेज करने की बात बोले और न करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी कंपनी मे तोड़ फोड़ और मारपीट की घटना होती रही है. घटना पर निराशा जताते हुए डेको के जीएम मधु सिंह ने कहा कि पुलिस से सुरक्षा की मांग की गई है. लोयाबाद थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार ने कहा कि सूचना पर रात मे पुलिस वहां गई थी और मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.
घटना के बाद मजदूर दहशत में आ गए
इस घटना के बाद चारों तरफ दहशत का माहौल छा गया. घटना की सूचना मिलते ही लोयाबाद थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की. इस घटना से मजदूरों में काफी डर पैदा हो गया है. इसलिए शुक्रवार की सुबह सुरक्षा की मांग को लेकर मजदूरों ने काम बंद कर दिया और प्रदर्शन करने लगे. मजदूरों का कहना था कि आउटसोर्सिंग की प्रबंधन और पुलिस की टीम उन्हें बेहतर सुरक्षा प्रदान कराए तब काम होगा. कुछ देर बाद पुलिस और प्रबंधन के आश्वासन देने के बाद मजदूरो ने अपना काम फिर से शुरू किया.