धनबाद: सरकारी स्कूलों के बच्चों की होगी नेत्र जांच, जरूरतमंदों को मिलेगा निशुल्क चश्मा…

राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत धनबाद जिले के 1535 सरकारी स्कूलों के बच्चों की नेत्र जांच की जाएगी और उन्हें निशुल्क चश्मा प्रदान किया जाएगा. इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य बच्चों की दृष्टि समस्याओं को पहचानना और उन्हें सही समय पर उचित उपचार प्रदान करना है, जिससे उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए.

स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की संयुक्त पहल

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से तैयारी शुरू कर दी है. विभिन्न सरकारी स्कूलों में चयनित शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो स्कूलों में नेत्र कैंप की मॉनिटरिंग करेंगे. जल्द ही विभिन्न स्कूलों के लिए कैंप की समय सारणी भी जारी की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर बच्चे की जांच हो और उन्हें आवश्यक सहायता मिले.

शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण

स्वास्थ्य विभाग द्वारा चयनित शिक्षक, ट्रेनिंग के बाद, अपने-अपने स्कूलों में नेत्र कैंप की निगरानी करेंगे. इन शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में निपुण किया जा रहा है ताकि वे नेत्र जांच के प्रक्रिया को सही ढंग से संचालित कर सकें और किसी भी समस्या का तुरंत समाधान कर सकें. इसके अलावा, शिक्षक अभिभावक मीटिंग में भी इस कार्यक्रम की जानकारी देंगे, जिससे अभिभावक अपने बच्चों की नेत्र जांच के महत्व को समझ सकें और समय पर उनकी जांच करवा सकें.

निशुल्क चश्मा वितरण

स्वास्थ्य विभाग जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को निशुल्क चश्मा भी प्रदान करेगा. इससे वे पढ़ाई के दौरान अपनी दृष्टि समस्याओं का समाधान पा सकेंगे और सहज महसूस करेंगे. यह कदम उन बच्चों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो दृष्टि दोष के कारण पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं.

दृष्टि दोष से पढ़ाई होती है बाधित

स्कूलों में नेत्र की समस्याओं के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. ट्रेनर रामप्रवेश मंडल के अनुसार, दृष्टि दोष एक बड़ी समस्या है जिससे बच्चे क्लास में बोर्ड पर लिखे प्रश्न और उत्तर को नहीं पढ़ पाते हैं. इसके परिणामस्वरूप वे पढ़ाई में पिछड़ते जाते हैं. सबसे बड़ी समस्या यह है कि अभिभावक और बच्चे दोनों ही इस नेत्र समस्या को पहचान नहीं पाते हैं. ऐसे बच्चों को सिर में अक्सर दर्द भी रहता है, जो दृष्टि दोष का एक बड़ा संकेत होता है.

स्वास्थ्य विभाग की पहल

राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और धनबाद जिले के सरकारी स्कूलों में नेत्र जांच अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत बच्चों की नेत्र जांच की जाएगी और जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क चश्मा प्रदान किया जाएगा. इससे बच्चों की दृष्टि समस्याओं का समय पर समाधान हो सकेगा और उनकी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी.

अभिभावकों की भूमिका

इस कार्यक्रम में अभिभावकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. शिक्षक अभिभावक मीटिंग में इस कार्यक्रम की जानकारी देंगे और अभिभावकों को अपने बच्चों की नेत्र जांच के लिए प्रोत्साहित करेंगे. अभिभावकों को यह समझना होगा कि बच्चों की दृष्टि समस्याओं का समय पर समाधान बेहद जरूरी है ताकि उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट न आए और वे अच्छे से शिक्षा प्राप्त कर सकें.

भविष्य की योजना

इस कार्यक्रम के तहत धनबाद जिले के 1535 सरकारी स्कूलों में नेत्र जांच की जाएगी. इसके बाद, अगर इस कार्यक्रम की सफलता दिखती है तो इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है. इससे झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा और उनकी दृष्टि समस्याओं का समाधान हो सकेगा.

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