धनबाद: धनबाद से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां शहर के प्रतिष्ठित असर्फी हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत किए गए इलाज में गंभीर अनियमितताओं के मद्देनज़र की गई है।
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स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया कि अस्पताल ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत फर्जी या गलत दावे कर लाभ उठाया। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अस्पताल द्वारा की गई हेराफेरी की रकम से यह जुर्माना राशि पांच गुना अधिक है।
हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम ने असर्फी हॉस्पिटल में जांच अभियान चलाया था। इस दौरान मरीजों के इलाज के दस्तावेजों, बिलिंग प्रक्रिया और योजना से संबंधित अन्य पहलुओं की गहराई से जांच की गई। रिपोर्ट के अनुसार, कई मामलों में मरीजों को बिना इलाज के भी योजना के अंतर्गत बिल वसूला गया, जबकि कुछ मामलों में इलाज की प्रक्रिया में तय मानकों का पालन नहीं किया गया।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि यदि असर्फी हॉस्पिटल तय समय सीमा में यह जुर्माना राशि नहीं चुकाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें अस्पताल का आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकरण रद्द किया जाना और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शामिल है।
जनता की चिंता बढ़ी
इस मामले के उजागर होने के बाद स्थानीय लोगों के बीच चिंता का माहौल है। असर्फी हॉस्पिटल को शहर का एक प्रमुख निजी अस्पताल माना जाता है, और बड़ी संख्या में लोग यहां इलाज के लिए आते हैं। आयुष्मान योजना के लाभार्थियों ने भी इस बात पर नाराजगी जताई है कि सरकारी योजनाओं में इस तरह की गड़बड़ियां कैसे हो रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग की सख्ती जारी
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में अन्य निजी अस्पतालों और हेल्थ सेंटरों की भी विस्तृत जांच की जाएगी, ताकि योजना के तहत पारदर्शिता और सही इलाज सुनिश्चित किया जा सके। विभाग का उद्देश्य है कि गरीब और जरूरतमंद लोगों तक आयुष्मान भारत योजना का वास्तविक लाभ पहुंचे।