रांची: झारखंड में इस बार गर्मी कुछ अलग ही रूप में लोगों को परेशान कर रही है। राज्य के अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे है, लेकिन फिर भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही। इसका प्रमुख कारण है बढ़ी हुई रिलेटिव ह्यूमिडिटी यानी सापेक्षिक आर्द्रता।
राज्य के मौसम केंद्र, रांची की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के 23 जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया है। केवल पलामू के डाल्टनगंज में 41.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। बाकी सभी जिलों में पारा 40 डिग्री के नीचे है। इसके बावजूद लोग गर्मी से बेहाल हैं।
ज्यादा गर्मी महसूस होने की वजह
दरअसल, वातावरण में नमी का स्तर बहुत ज्यादा है। बीते 24 घंटों में रांची में आद्रता 90% तक पहुंच गई। जमशेदपुर में 87%, बोकारो में 79%, डाल्टनगंज में 76% और चाईबासा में 74% तक आर्द्रता दर्ज की गई।
विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादा आद्रता होने से शरीर से निकलने वाला पसीना जल्दी वाष्पित नहीं हो पाता, जिससे शरीर को ठंडक नहीं मिलती और गर्मी का एहसास ज्यादा होता है। यही कारण है कि लोग पंखे या कूलर के नीचे बैठने के बावजूद राहत महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
कब मिलेगी राहत?
मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल राहत के आसार थोड़े कम हैं, लेकिन 16 जून तक मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तरी ओडिशा तट के पास समुद्र तल से ऊपर 1.5 से 5.8 किमी तक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जो झारखंड के दक्षिण और मध्य भागों को प्रभावित कर रहा है।
इसी कारण से राज्य के अधिकांश हिस्सों में मेघ गर्जन, वज्रपात और तेज हवा के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
कहां-कितनी हुई बारिश?
पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा 38.8 मिमी बारिश चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम) में दर्ज की गई। इसके अलावा हाट-गम्हरिया में 15.2 मिमी, रांची के कांके और हिनू एयरपोर्ट इलाके में 12.4 मिमी बारिश हुई।
1 जून 2025 से अब तक की बारिश का आंकड़ा इस प्रकार है:
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रांची – 36.2 मिमी
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जमशेदपुर – 40.6 मिमी
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डाल्टनगंज – 0.2 मिमी
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बोकारो – 48.3 मिमी
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चाईबासा – 17.3 मिमी
झारखंड में तापमान में गिरावट के बावजूद लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। ह्यूमिडिटी ने गर्मी को और विकराल बना दिया है। हालांकि 16 जून तक आसमान से राहत की कुछ उम्मीद जताई गई है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वह वज्रपात और तेज हवा के चलते सतर्क रहें और खुले स्थानों से दूर रहें।