झारखंड सरकार का राजस्व संग्रह कोरोना महामारी के बाद भी बेहतर स्थिति तक पहुंच गया है | इस वित्तीय वर्ष के जनवरी माह में राज्य सरकार को 11,700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है | वहीं , गत वित्तीय वर्ष के इसी अवधि में राजस्व कलेक्शन 11843.88 करोड़ रुपये हुआ था |आपको बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से करीब छह महीने तक राजस्व कलेक्शन लक्ष्य से बहुत कम था | लेकिन , ज्यों ही स्थिति सामान्य होने हुई राजस्व कलेक्शन भी संतोषजनक रहा | साथ ही , राज्य सरकार को चालू वित्तीय वर्ष अक्टूबर तक कुल 26714.41 करोड़ रुपये राजकोष में जमा हो चुका था | दरअसल , सरकार को अबतक करीब 38,414.41 करोड़ रुपये का राजस्व कलेक्शन हो चुका है |सूत्रों की मानें तो ,कलेक्शन में लगातार बढोत्तरी हो रही है | वहीं ,उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च तक राजस्व कलेक्शन का लक्ष्य पूरा हो जायेगा |
आपको बता दें कि जनवरी 2021 में वाणिज्यकर विभाग का राजस्व संग्रह रिकॉर्ड स्तर पर था | लेकिन ,जीएसटी , वैट का संग्रह व जीएसटी कंपनसेशन के एवज में लोन के मद से मिली राशि ने जनवरी माह के राजस्व संग्रह को दो हजार करोड़ के पार पहुँचा दिया | हालांकि , ये अबतक का सबसे अधिक राजस्व कलेक्शन है | मिली जानकारी के अनुसार , जीएसटी कलेक्शन 522.58 करोड़ व वैट कलेक्शन से 485.95 करोड़ रुपये आए | वहीं ,आइजीएसटी से 256.89 करोड़ रुपये कोष में जमा हुआ |इसकी बड़ी वजह राजस्व के आंकड़ों का उछाल व जीएसटी कंपनसेशन के मद में लोन से मिलने वाली राशि की वजह से हुई है | सिर्फ लोन मद में 735.60 करोड़ रुपये की राशि जनवरी में सरकार के खजाने जमा हुआ है |
वाणिज्यकर विभाग का राजस्व संग्रह वित्तीय वर्ष 2020—21 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 2075 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है | जो कि अब तक का सर्वाधिक कलेक्शन रहा | इसके अलावा 318.89 करोड़ रुपये केंद्र से क्षतिपूर्ति मद में भी मिला है |बहरहाल ,कोरोना की वजह से व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह बंद हो गई थी |साथ ही ,राज्य का राजस्व प्रभावित हो गया था | लेकिन , कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों से सरकार के राजस्व में भी बेहतर सुधार हुआ है |
वित्तीय वर्ष के सात माह में राजस्व कलेक्शन (करोड़ में)
मद—लक्ष्य—राजस्व मिला—उपलब्धि
जीएसटी—9450.00—3591.50— 38.01%
स्टांप व निबंधन—1006.50—291.28 —28.94%
भू राजस्व—1000.00—582.05—58.21%
वाणिज्यकर—5862.00—2075.21—35.40%
उत्पाद—301.00—736.51—32.01%
केंद्रीय करों में हिस्सा—2604877—9845.43—37.80%
अन्य कर —1981.14 —577.46 —29.15%
गैर कर राजस्व —11820.34 —3706.06 —31.35%
सहाय्य अनुदान —15839.00 —6128.74 —38.69%