देवघर: श्रावणी मेला से पहले खोवा की मिलावट, भक्तों की सेहत पर खतरा…

श्रावणी मेला के पहले देवघर में भक्तों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है. देवघर के जलसार तालाब के समीप सैकड़ों क्विंटल खोवा गंदगी के ढेर के पास घंटों पड़ा रहा, जिससे भक्तों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है. यह खोवा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से ट्रकों के जरिए मंगवाया गया था.

गंदगी के पास रखा खोवा

खोवा, जो कि पेड़ा बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, सुबह में जलसार तालाब के पास अनलोड किया गया. यह खोवा किसी साफ-सुथरी जगह पर न रखकर गंदगी वाली जगह पर रखा गया था. बोरी में बंद खोवा कचरे के ढेर के पास घंटों पड़ा रहा, जिससे मक्खियां और अन्य कीटाणु उस पर मंडराते रहे.

नगर निगम के यूरिनल के पास खोवा

खोवा के पास नगर निगम का यूरिनल भी था, जिससे बदबू फैल रही थी. खोवा की कई बोरियां खुली थीं, जिससे खोवा बाहर दिखाई दे रहा था. करीब दोपहर 12 बजे तक खोवा को धीरे-धीरे टोटो के जरिए आढ़त (व्यापारी गोदाम) में भेजा गया.

इसी खोवा से बनेगा पेड़ा

आढ़त से यह खोवा देवघर की कई दुकानों में भेजा जाएगा, जहां से इसे पेड़ा बनाकर ग्राहकों को बेचा जाएगा. श्रावणी मेला में आने वाले शिवभक्त इसी पेड़े को प्रसाद के रूप में घर ले जाएंगे. देवघर बाजार में इन दिनों मिर्जापुर, बनारस, और बड़हिया से बड़े पैमाने पर मिलावटी खोवा और पाउडर की आपूर्ति हो रही है. इस मिलावटी खोवा से बने पेड़े भक्तों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकते हैं.

फूड सेफ्टी की टीम की लापरवाही

देवघर में फूड सेफ्टी की टीम खोवा और पेड़ा की जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है. श्रावणी मेला से पहले मिलावटी खोवा और पाउडर को स्टॉक कर पेड़ा बनाने की तैयारी चल रही है. यह पाउडर बगैर क्रीम के होता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

श्रावणी मेला की तैयारी

श्रावणी मेला के दौरान बाबा नगरी देवघर में लाखों श्रद्धालु आते हैं. ऐसे में पेड़े की मांग भी बढ़ जाती है. इस अवसर का लाभ उठाने के लिए मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं और मिलावटी खोवा से पेड़ा बनाकर बेचते हैं. इससे न केवल श्रद्धालुओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देवघर की साख भी खराब होती है.

स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी

स्थानीय प्रशासन को इस मामले में सख्ती बरतने की जरूरत है. फूड सेफ्टी की टीम को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी चाहिए और मिलावटी खोवा और पाउडर की बिक्री पर रोक लगानी चाहिए. इसके अलावा, खोवा और पेड़ा की गुणवत्ता की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि भक्तों की सेहत से खिलवाड़ न हो सके.

श्रावणी मेला में स्वच्छता का ध्यान

श्रावणी मेला के दौरान साफ-सफाई और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए. भक्तों की सेहत को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर भी नजर रखनी चाहिए. इसके लिए स्थानीय प्रशासन, दुकानदारों और फूड सेफ्टी टीम को मिलकर काम करना होगा.

भक्तों से अपील

भक्तों से भी अपील है कि वे पेड़ा खरीदते समय उसकी गुणवत्ता की जांच करें. यदि कोई पेड़ा संदिग्ध लगे तो उसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से करें. भक्तों की सेहत सबसे महत्वपूर्ण है और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा.

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