रांची: झारखंड में बोर्ड, निगम और आयोगों के वर्षों से खाली पड़े पदों को लेकर सियासत गर्माने लगी है। महागठबंधन की प्रमुख घटक दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर रिक्त पदों को भरने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के बाद से बनी सरकार में अब तक कई महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं, जिससे इन संस्थाओं की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है।
कांग्रेस ने अपने पत्र में झारखंड राज्य महिला आयोग, राज्य सूचना आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग समेत कई बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली होने पर चिंता जताई है। कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि यह विषय हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रांची दौरे के समय भी उठा था। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी के. राजू भी इस विषय को गंभीरता से ले रहे हैं।
पूर्व राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप बलमुचू ने भी इस मुद्दे को अहम बताते हुए कहा कि पार्टी इस बात को लेकर चिंतित है कि उसके कार्यकर्ताओं और नेताओं को गठबंधन की पूर्व सहमति के अनुसार उचित भागीदारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को शीघ्रता से इस पर संज्ञान लेना चाहिए, जिससे झामुमो के कार्यकर्ताओं को भी लाभ हो।
हालांकि, बलमुचू ने यह स्पष्ट नहीं किया कि बोर्ड और आयोगों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस, झामुमो और राजद के बीच पहले क्या सहमति बनी थी।
इस मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का भी बयान सामने आया है। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कांग्रेस के पत्र को सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने कहा कि गठबंधन में कोई मनमुटाव नहीं है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस विषय को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही बोर्ड, निगम और आयोगों के रिक्त पदों को भरने की दिशा में निर्णय लिया जाएगा।
महागठबंधन की सरकार में इस प्रकार की उठती मांगें यह दर्शाती हैं कि सत्ता साझेदारी और भागीदारी को लेकर आंतरिक समीकरणों पर फिर से विचार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में सरकार इस पर क्या फैसला लेती है, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।